वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने वाले अजित पवार ने कहा कि सरकार राजस्व बढ़ाने और केंद्र की योजनाओं के जरिए अधिक से अधिक फंड जुटाने की कोशिश कर रही है। वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में राजस्व घाटा 45,891 करोड़ रुपये और राजकोषीय घाटा 1,36,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2025-26 में जीएसडीपी 49.39 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है, जो 2024-25 में 45.31 लाख करोड़ रुपये रही है। आने वाले वित्त वर्ष में राज्य का कर राजस्व 6.41 प्रतिशत बढ़कर 4,77,400.20 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जो 2024-25 में 4,48,630.57 करोड़ रुपये रहा था। राज्य का ऋण स्टॉक 9.32 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, लेकिन यह जीएसडीपी का 18.87 प्रतिशत होगा।
सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए कई तरह से कदम उठा रही है। बजट में मुंबई की अर्थव्यवस्था को 2030 तक 300 अरब डॉलर और 2047 तक 1,500 अरब डॉलर तक बढ़ाने का प्रावधान है। महाराष्ट्र सरकार, केंद्र की योजनाओं के जरिए अधिक से अधिक फंड जुटाने के लिए विशेष कदम उठा रही है।
राजमार्गों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, जलमार्गों, बस परिवहन, रेलवे और मेट्रो सिस्टम के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं। जल्द ही एक नई आवास नीति की घोषणा की जाएगी, जिसमें अगले पांच वर्षों में ग्रामीण आवास के लिए 15,000 करोड़ रुपये और शहरी आवास परियोजनाओं के लिए 8,100 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।
विपक्ष ने लाडली बहन योजना के लाभार्थियों को 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये की सहायता राशि की घोषणा नहीं करने और किसानों का ऋण माफ नहीं करने पर निशाना साधा है। इस पर आपका क्या कहना है?
हमने ऐसा कभी नहीं कहा कि लाडली बहन योजना के तहत महिला लाभार्थियों की मासिक वित्तीय सहायता तुरंत बढ़ाई जाएगी। हमने विधानसभा चुनाव के दौरान कहा था कि सत्ता में आने के बाद हम सहायता राशि बढ़ाएंगे। क्या मैंने कभी इस बारे में बयान दिया है कि सहायता कब बढ़ाई जाएगी? इसके साथ ही मैंने कृषि ऋण माफी पर कभी कोई बयान नहीं दिया।