उन्होंने कहा, “‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल को लेकर काफी समय से चर्चा चल रही है और पीएम मोदी ने इस पर जो कदम उठाया है, उसे ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी के सामने रखा गया है। मुझे उम्मीद है कि इस पर जब चर्चा होगी तो राष्ट्रहित में सभी लोग एक साथ जुड़ेंगे।”
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल के बारे में जेपीसी अध्यक्ष पीपी चौधरी ने कहा, “1952 से 1967 तक आम चुनाव एक साथ होते थे। उस समय हमारे पास आज जितने संसाधन भी नहीं थे। न ईवीएम था, न वीवीपैट, न ही कोई उन्नत प्रणाली या तकनीक थी। तब भी पूरे देश में एक साथ चुनाव होते थे। अब हम बहुत आगे बढ़ चुके हैं और आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, इसलिए हम कह सकते हैं कि हमारे लिए यह असंभव नहीं है।”
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल के खिलाफ विपक्ष के विरोध पर उन्होंने कहा, “अगर कुछ गलत लगता है, तो हम उसे ठीक करेंगे। हालांकि, अगर सुधार के बावजूद विरोध जारी रहता है, तो हमारे पास इसका कोई उपाय नहीं है।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस के भी कई मित्र मुझसे कहते हैं कि चुनाव में ज्यादा टाइम लग जाता है और हम जनता की सेवा नहीं कर पाते, इसलिए वे भी इससे खुश हैं।”
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