डीसीपी स्मिता पाटिल के मार्गदर्शन में पुलिस ने 6 अलग-अलग टीमों का गठन किया और जांच शुरू की। पुलिस ने करीब 11,000 ऑटो की जांच की, जिसमें एक पीला जैकेट पहने ऑटो रिक्शा चालक संदिग्ध पाया गया। पुलिस को जानकारी मिली कि ऑटो चालक घटना स्थल से मालवानी की तरफ जा रहा था। पुलिस ने जब ऑटो चालक से पूछताछ की तो कुछ दिन पहले उसके घर में एक बच्चे के आने की जानकारी मिली।
जांच के दौरान यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि आरोपी राजू मोरे की दो पत्नियां हैं। पहली पत्नी मंगल मोरे के पास बच्चा नहीं था और वह कई सालों से बच्चा नहीं होने के कारण परेशान थी। राजू मोरे की दूसरी पत्नी फातिमा शेख ने 5 लाख रुपये में बच्चे को गोद लेने की इच्छा जताई थी। लेकिन, गोद लेने में अधिक पैसे खर्च होने की वजह से आरोपी राजू मोरे ने बच्चा चुराने की योजना बनाई और तीन दिनों तक वनराई के वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के पास घटनास्थल की रेकी की।
आरोपी ने ऑटो की मदद से जब परिवार के सदस्य सो रहे थे, तब बच्चे को चुराया और फरार हो गया। आरोपी राजू मोरे और उसकी पत्नी फातिमा शेख ने इस घटना को अंजाम दिया, साथ ही आरोपी के अन्य सहयोगी भी इसमें शामिल थे।
डीसीपी स्मिता पाटिल ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि पुलिस ने 11,000 ड्राइवरों के डेटा की जांच की और इसके बाद संदिग्ध चालक की पहचान की। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और बच्चे को सुरक्षित बरामद किया।
उन्होंने बताया कि बच्चा चोरी करके उसे बेचने का उद्देश्य था और 5 लाख रुपये का सौदा तय किया गया था। मुख्य आरोपी राजू मोरे और उसकी पत्नी फातिमा शेख के अलावा, अन्य आरोपी भी गिरफ्तार किए गए हैं। डीसीपी ने यह भी बताया कि पुलिस अब और तहकीकात कर रही है और यदि कुछ नई जानकारी सामने आती है तो वह साझा किया जाएगा।
पुलिस ने आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच शुरू कर दी है। आरोपी राजू मोरे और उसकी पत्नी की आपराधिक गतिविधियों को खंगाला जा रहा है।
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