उत्तर प्रदेश के संभल जिले में होली के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा सड़क किनारे स्थित मस्जिदों को तिरपाल से ढंकने का काम शुरू कर दिया गया है। यह कदम समुदायों के बीच आपसी समन्वय बनाए रखने और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचाव के लिए उठाया गया है।
पुलिस और प्रशासन का बयान:
एएसपी श्रीशचंद्र ने बताया कि सभी संबंधित पक्षों की सहमति से यह व्यवस्था की जा रही है। होली के जुलूस के मार्ग में आने वाले सभी धार्मिक स्थलों को पूर्व की भांति तिरपाल से ढंका जा रहा है। प्रशासन के अनुसार, जुलूस के रास्ते में 10 धार्मिक स्थल पड़ते हैं, जिन्हें सुरक्षित रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। दोनों समुदायों के लोगों से इस संबंध में बातचीत की गई है और सभी ने इस फैसले पर सहमति जताई है।
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी:
जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने त्योहारों से पहले सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर कहा कि शांति समिति की बैठकें आयोजित की गई हैं और सुरक्षा इंतजामों को सख्त किया गया है। प्रत्येक सेक्टर मजिस्ट्रेट को अपने क्षेत्र में सतर्क निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है, जिसमें सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
विवादित बयान से गरमाई राजनीति:
संभल में प्रशासन पहले से ही विशेष सतर्कता बरत रहा है, क्योंकि पिछले साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद में सर्वे के विरोध में हुए बवाल के बाद इलाके में संवेदनशीलता बढ़ गई थी। वहीं, इस बार 14 मार्च को होली और रमजान के जुमे की नमाज एक ही दिन पड़ने के कारण प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।
इस बीच, सीओ अनुज चौधरी के एक बयान ने विवाद को जन्म दे दिया है। उन्होंने कहा था कि “जुमा साल में 52 बार आता है, जबकि होली साल में सिर्फ एक बार आती है।” उन्होंने मुस्लिम समुदाय से यह अपील भी की थी कि यदि किसी को रंग-अबीर से परेशानी हो तो वे घर पर नमाज अदा कर सकते हैं, या बाहर निकलें तो रंग लगाने का बुरा न मानें। उनके इस बयान पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसकी आलोचना हो रही है।
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