बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम की जयंती के मौके पर बसपा प्रमुख मायावती ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके विचारों को मजबूत करने का संकल्प दोहराया। इस अवसर पर मायावती ने दावा किया कि बसपा ने अपने शासनकाल में बहुजन समाज के विकास के लिए ठोस काम किए, जबकि अन्य सरकारों के वादे केवल हवा-हवाई साबित हुए।
मायावती ने शनिवार (15 मार्च) को कांशीराम की जयंती के अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “बहुजन समाज पार्टी के जन्मदाता व संस्थापक कांशीराम जी को आज उनके जन्मदिन पर देशभर में श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। उनके ‘सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक मुक्ति’ आंदोलन को और मजबूत बनाने के संकल्प हेतु सभी समर्थकों का तहेदिल से आभार।”
उन्होंने आगे कहा, “बहुजन समाज को गरीबी, बेरोजगारी, शोषण, जातिवाद, सांप्रदायिक हिंसा और पिछड़ेपन से मुक्ति दिलाने के लिए अपने वोट की ताकत को पहचानना होगा। इसके लिए सत्ता की ‘मास्टर चाबी’ प्राप्त करना जरूरी है, यही आज के दिन का सबसे महत्वपूर्ण संदेश है।”
‘बसपा का शासन ही बहुजनों के लिए फायदेमंद’
मायावती ने अपने शासनकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि बसपा सरकार ने बहुजन समाज का सर्वांगीण विकास किया और उनके अच्छे दिन लाकर दिखाए। उन्होंने कहा, “यूपी की जनता इस बात की गवाह है कि बसपा का नेतृत्व कथनी में कम और करनी में ज्यादा विश्वास रखता है। हमारे शासनकाल में विकास और सामाजिक उत्थान की मिसालें कायम हुईं, जबकि अन्य सरकारों के वादे केवल छलावा और दिखावा रहे हैं।”
बता दें की, कांशीराम का जन्म 15 मार्च 1934 को ब्रिटिश शासनकाल के दौरान पंजाब के रूपनगर (अब रोपड़) जिले में हुआ था। उन्होंने भारतीय राजनीति और समाज में बड़ा बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दलितों के उत्थान के लिए उन्होंने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल 1984 को बहुजन समाज पार्टी की स्थापना की।
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