यमन की राजधानी सना और हूती विद्रोहियों के गढ़ सादा प्रांत समेत कई इलाकों में अमेरिकी हवाई हमलों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई, जिनमें पांच महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं। 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हूती नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है।
दरअसल ईरान समर्थित हूती विद्रोही बीते कुछ महीनों से लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय जहाजों पर हमले कर रहे हैं, जिसे वे गाजा में हमास के समर्थन के तौर पर देख रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार (15 मार्च) को चेतावनी दी थी कि हूतियों को रोकने के लिए “अत्यधिक घातक बल” का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके बाद रविवार देर रात अमेरिका ने कई हवाई हमले किए। हमले राजधानी सना, हूती गढ़ सादा, अल-हुदैदाह और अन्य रणनीतिक ठिकानों पर किए गए।
हूती समूह ने कहा कि वे इन हमलों का जवाब देंगे और अमेरिकी हमलों के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया और तेज करेंगे। हूतियों के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “अगर अमेरिका ने युद्ध का दायरा बढ़ाया, तो हम भी जवाबी कार्रवाई करेंगे।” अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि हमले तब तक जारी रहेंगे जब तक हूतियों की समुद्री हमले करने की क्षमता पूरी तरह नष्ट नहीं हो जाती। उन्होंने यह भी दावा किया कि अमेरिकी हमलों में हूती नेताओं को निशाना बनाया गया और उनकी कुछ सैन्य सुविधाओं को नष्ट कर दिया गया।
हूती विद्रोही गुट ने साफ कर दिया है कि वे अंतरराष्ट्रीय जहाजों पर हमले जारी रखेंगे। हाल के हफ्तों में उन्होंने दो जहाजों को डुबो दिया और कई अन्य पर मिसाइलें दागी हैं। अब हालात और बिगड़ सकते हैं, क्योंकि अमेरिका ने हूती ठिकानों पर हमले तेज करने की चेतावनी दी है और हूतियों ने भी जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है।
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