महाराष्ट्र में मुगल आक्रमणकारी औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। राजनीतिक दलों के बीच तीखी बयानबाजी जारी है, वहीं भाजपा नेता और मंत्री नितेश राणे ने इस मामले में आक्रामक बयान देकर कहा है की यह गंदगी रखने लायक नहीं है। दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो मायावती कब्रों और मजारों को क्षति पहुंचाने की निंदा कर रही है,साथ ही सरकार से शांति बनाए रखने की अपील की है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे ने कहा,”औरंगजेब का मकबरा एक गंदगी है, जो यहां रखने लायक नहीं है। उसे शौचालय भी घोषित किया जाए तो गलत नहीं होगा। हमारे छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के साथ जो हुआ था, उसकी कोई भी गंदगी महाराष्ट्र में रखने लायक नहीं है। सही समय पर आपको इसकी ब्रेकिंग न्यूज मिल जाएगी।”राणे के इस बयान के बाद विपक्ष ने भाजपा पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप लगाया है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “महाराष्ट्र में किसी की भी कब्र व मजार को क्षति पहुंचाना या तोड़ना ठीक नहीं है। इससे वहां आपसी भाईचारा, शांति और सौहार्द बिगड़ सकता है। सरकार को ऐसे मामलों में खासकर नागपुर में अराजक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, वरना हालात बिगड़ सकते हैं।”
इस विवाद के बीच नागपुर में समाजकंटकों ने शांतिपूर्ण आंदोलन पर हमले किए, जिससे दोनों गुटों के बीच झड़प हुई। झड़प के दौरान पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। पुलिस के अनुसार, कुछ उपद्रवियों ने सार्वजनिक संपत्तियों और वाहनों को निशाना बनाया, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हिंसा पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। मैंने पुलिस कमिश्नर को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी इस हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।”फडणवीस ने नागपुर के लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।
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महाराष्ट्र के संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग लंबे समय से उठती रही है। हाल ही में कुछ हिंदू संगठनों ने इसे छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के अपमान से जोड़ा और सरकार से आक्रमणकारी औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की। विपक्षी दलों का आरोप है कि भाजपा धार्मिक मुद्दों को उछालकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है। फिलहाल, नागपुर और अन्य संवेदनशील इलाकों में पुलिस की भारी तैनाती की गई है। प्रशासन लगातार शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है। राज्य सरकार और पुलिस हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।