राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और घुसपैठ से जुड़े मामलों की जांच के तहत मंगलवार(18 मार्च) को जम्मू के विभिन्न क्षेत्रों में 10 स्थानों पर छापेमारी की। यह कारवाई पाकिस्तान से आतंकियों की घुसपैठ को रोकने और इससे जुड़े नेटवर्क को खत्म करने के उद्देश्य से की गई। NIA की यह कारवाई आतंकवादियों के मददगारों और उनके फंडिंग नेटवर्क पर केंद्रित थी। छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और संदिग्ध लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड बरामद किए गए हैं।
NIA के अधिकारियों के अनुसार उन्हें पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों द्वारा घुसपैठ की नई रणनीति को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर यह ऑपरेशन चलाया गया। जांच एजेंसी यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि क्या इन संगठनों को जम्मू-कश्मीर में स्थानीय समर्थन मिल रहा है।
यह पहली बार नहीं है जब NIA ने जम्मू-कश्मीर में इस तरह की कारवाई की है। दिसंबर 2024 में भी एजेंसी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में 19 स्थानों पर छापेमारी की थी। इसी तरह, नवंबर 2024 में भी NIA ने घुसपैठ मामलों से जुड़े कई संदिग्धों के ठिकानों पर जांच की थी।
इसके अलावा, पिछले साल अक्टूबर में आतंकवाद के वित्तपोषण और साजिश को लेकर जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, असम और दिल्ली में 22 स्थानों पर छापेमारी की गई थी। उस दौरान NIA ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया था और बड़ी मात्रा में डिजिटल सबूत जुटाए थे।
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NIA की ताज़ा कारवाई के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने की कोशिश में लगे हुए हैं, जिस कारण से आने वाले दिनों में और भी छापेमारियां हो सकती हैं, घुसपैठ के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करना ही इसका उद्देश्य होगा। सुरक्षा बलों ने सीमावर्ती इलाकों में निगरानी और गश्त बढ़ा दी है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके।