श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर आज (19 मार्च) इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक महत्वपूर्ण सुनवाई होने जा रही है। इस मामले में हिंदू पक्ष को न्याय की उम्मीद है, जबकि मुस्लिम पक्ष 1991 के पूजा स्थल अधिनियम के तहत इसे लंबा खींचने की रणनीति पर अड़ा हुआ है। हिंदू पक्ष के वकील दिनेश शर्मा ने बताया कि पिछली सुनवाई में अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को पार्टी बनाने की हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार कर ली थी। आज की सुनवाई में अदालत पहले से लंबित प्रार्थना पत्रों पर विचार करेगी।
हिंदू पक्ष की प्रमुख मांग है कि विवादित स्थल की भूमि को श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपा जाए। उनका दावा है कि मुगलों ने जबरदस्ती मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद का निर्माण किया था, और वे इस लड़ाई को “कलम की ताकत से” जीतने की उम्मीद कर रहे हैं।
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वहीं, मुस्लिम पक्ष 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का हवाला देकर मामले को खींचने की कोशिश कर रहा है। लेकिन हिंदू पक्ष का कहना है कि ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर यह मामला उनके पक्ष में जाएगा।
याचिकाकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि न्यायालय मजबूत ऐतिहासिक और पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर फैसला करेगा। इससे पहले श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं से एक मंच पर आने की अपील की थी, ताकि मामले को और स्पष्ट रूप से अदालत के समक्ष रखा जा सके।
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