इस हिंसा को लेकर कुल 51 नामजद आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, ये सभी एक ही धर्म के हैं और सुनियोजित तरीके से हिंसा भड़काने की कोशिश की गई। एफआईआर में यह भी कहा गया है कि हिंसा के दौरान महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़खानी, बदसलूकी और दुष्कर्म की साजिश रची गई। पुलिस के अनुसार, यह घटना जानबूझकर की गई ताकि प्रशासन को दबाव में लाया जा सके।
भीड़ ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वे सिर्फ एक पक्ष के लिए काम कर रही हैं। इस दौरान अशोभनीय भाषा और गालियों का भी इस्तेमाल किया गया। उल्लेखनीय है कि फहीम खान पहले भी चर्चाओं में रहा है। वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव लड़ चुका है।
पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि भीड़ कैसे जुटाई गई, हिंसा की साजिश कहां बनी और पत्थर कहां से लाए गए। वहीं, गिरफ्तार आरोपियों से भी पूछताछ जारी है। पुलिस ने बताया कि हिंसा में शामिल सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि नागपुर में सोमवार को हिंसा हुई, जिसमें कई पुलिस अधिकारी समेत अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसा के बाद लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसके साथ ही कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
इस हिंसा में उपद्रवियों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की। इस हिंसा की शुरुआत तब हुई जब दोनों गुटों के बीच तनाव बढ़ा और स्थिति बेकाबू हो गई। पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ के कारण इलाके में तनाव फैल गया है। स्थिति को देखते हुए इलाके में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है।
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