उत्तर प्रदेश के नोएडा में शराब की दुकानों पर ‘एक के साथ एक फ्री’ ऑफर को लेकर राजनीतिक घमासान मच गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने इस पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार हिंदू युवाओं को शराब की लत लगाने की साजिश रच रही है।
शहर के कई शराब ठेकों पर इस ऑफर के चलते भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो में ग्राहक कार और बाइक में शराब की पेटियां भरते नजर आ रहे हैं। कई जगहों पर लंबी कतारें भी देखी गईं, जिससे कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं।
उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग ने इस ऑफर को लेकर सफाई दी है। अधिकारियों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले शराब कंपनियां स्टॉक निकालने के लिए इस तरह की स्कीम लाती हैं। यह कोई सरकारी नीति नहीं है, बल्कि एक व्यावसायिक रणनीति है।
हालांकि, AAP ने इसे भाजपा की शराब नीति पर हमला करने का बड़ा मौका बना लिया। सौरभ भारद्वाज ने तंज कसते हुए पूछा, “क्या भाजपा सरकार इस मामले में किसी जांच का आदेश देगी? यह एक बड़ा घोटाला है, लेकिन कांग्रेस और भाजपा, दोनों चुप्पी साधे हुए हैं।” वहीं, भाजपा समर्थकों ने इसे विपक्ष का बेवजह का शोर बताते हुए कहा कि यह पूरी तरह से व्यापारिक रणनीति है और इसे राजनीतिक रंग देना गलत है।
यह ऑफर 31 मार्च तक ही लागू रहेगा, क्योंकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने के साथ ही नई आबकारी नीति लागू हो जाएगी। लेकिन इस पर सियासत अभी थमती नजर नहीं आ रही है। विपक्ष इसे नैतिक पतन से जोड़कर भाजपा पर हमले कर रहा है, तो भाजपा इसे बाज़ार की सामान्य प्रक्रिया बता रही है। इस बीच, नोएडा में शराब की दुकानों पर भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे साफ है कि इस स्कीम ने ग्राहकों को तो आकर्षित किया ही है, लेकिन सरकार को राजनीतिक विवाद में भी घसीट लिया है।
बता दें की दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार खुद शराब नीति घोटाले में फंसी थी, जिसके आरोप में आप के शीर्ष नेता, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया जेल में जा चुके है। अनियमितताओं और घोटाले के आरोप में दिल्ली की आबकारी नीति को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच जारी है। एक तरफ AAP दिल्ली में शराब नीति को लेकर घिरी हुई है, तो दूसरी तरफ यूपी में शराब स्टॉक खाली करने पर राजनीति कर रही है। इससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या AAP का असली मकसद नशामुक्त समाज बनाना है या फिर सिर्फ राजनीतिक लाभ उठाना?