हरियाणा के कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल ने संसद में रिफाइंड तेलों और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड से जुड़े गंभीर स्वास्थ्य खतरों का मुद्दा उठाया। उन्होंने इन उत्पादों के बढ़ते उपयोग से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को लेकर कड़ी चिंता व्यक्त की और इनके नियमन के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की।
नवीन जिंदल ने कहा कि बार-बार किए जाने वाले रिफाइनिंग प्रोसेस के कारण तेलों के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और इनमें हानिकारक ट्रांस फैट उत्पन्न होते हैं, जिससे हृदय रोग, डायबिटीज और मोटापा जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह, अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड में अत्यधिक कैमिकल प्रिजर्वेटिव और हानिकारक फैट होते हैं, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देते हैं।
भाजपा सांसद ने स्पष्ट खाद्य लेबलिंग की कमी पर सवाल उठाया और कहा कि उपभोक्ता अक्सर भ्रामक पैकेजिंग के कारण यह समझ ही नहीं पाते कि वे क्या खा रहे हैं। उन्होंने सरकार से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि खाद्य उत्पादों पर साफ-साफ उल्लेख हो कि वे रिफाइंड तेलों का उपयोग करते हैं या अल्ट्रा प्रोसेस्ड श्रेणी में आते हैं।
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नवीन जिंदल ने इस मुद्दे पर सरकार से एक श्वेत पत्र प्रकाशित करने की मांग की, ताकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसका गहन अध्ययन हो सके। उन्होंने पारंपरिक और कोल्ड-प्रेस्ड तेलों, प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नागरिकों का स्वस्थ होना आवश्यक है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उपभोक्ताओं को छिपे हुए स्वास्थ्य खतरों से बचाने और एक प्रभावी खाद्य नियामक ढांचा तैयार करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।