कोरोना वायरस महामारी का कहर पूरी दुनिया पर टूट रहा है। कोरोना वायरस से हर उम्र के लोग संक्रमित हो जा रहे हैं। इस बीच अब बच्चे भी कोरोना वायरस संक्रमण के शिकार हो रहे हैं। इस बीत एक अच्छी खबर सामने आ रही है। बच्चों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए जल्द पहली कोरोना वैक्सीन जल्द आ सकती है। अमेरिका के खाद्य़ एवं दवा प्रशानस(FDA) द्वारा 12 से 15 साल की उम्र से बच्चों के लिए फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि एफडीए की ओर से इस वैक्सीन की मंजूरी बच्चों की सुरक्षा के लिए उत्सुक माता-पिता के लिए एक स्वागत योग्य समाचार होगा। यूरोपियन यूनियन के दवा नियंत्रक ईएमए ने बच्चों के लिए फाइजर-बायोएनटेक द्वारा विकसित किए गए टीके का आकलन शुरू कर दिया है। अमेरिका में भी ऐसा ही परीक्षण(ट्रायल) हो चुका है। इससे पहले मार्च में कंपनियों के नेतृत्व में एक परीक्षण के परिणामों से पता चला कि फाइजर-बायोएनटेक कोरोना वायरस वैक्सीन युवा किशोरों में, वयस्कों की तुलना में भी अधिक प्रभावी है। बच्चों ने वैक्सीन की मदद से मजबूत एंटीबॉडी का उत्पादन किया और इसके कोई गंभीर दुष्प्रभाव(साइड इफेक्ट) नहीं सामने आए। किशोरों को स्वस्थ करना सामान्य आबादी में प्रतिरक्षा स्तर को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है और इस तरह अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की संख्या को कम किया जा सकता है। जर्मनी की दवा कंपनी बायोएनटेक का कहना है कि वह यूरोप में 12 से 15 साल के बच्चों के लिए जून में कोरोना की वैक्सीन लॉन्च करेगी। कंपनी की वैक्सीन का ईयू ने आकलन शुरू कर दिया है। बता दें फाइजर और उसकी सहयोगी जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने इसी साल मार्च के अंत में यह दावा किया था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन 12 साल से बड़ी उम्र के बच्चों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित और व्यस्कों की तरह ही कोराना वायरस महामारी का असर रोकने में कारगर है। कंपनी ने 12 से 15 साल की उम्र वाले 2260 अमेरिकी वॉलेंटियरों को कोरोना की वैक्सीन देने के बाद सामने आए प्राथमिक डाटा के आधार पर यह दावा किया।