प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेते हुए क्षेत्रीय सहयोग और साझेदारी को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने साफ कहा कि बिम्सटेक देशों के बीच सहयोग से “लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने” की दिशा में ठोस प्रयास होंगे।
बिम्सटेक (BIMSTEC) बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल -दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के सात देशों भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड और भूटान को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मंच है।
थाईलैंड में गर्मजोशी से स्वागत:
शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं में पीएम मोदी के साथ नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या, बांग्लादेश के अंतरिम सरकार प्रमुख मुहम्मद यूनुस और म्यांमार के सैन्य नेता वरिष्ठ जनरल मिन आंग हलिंग शामिल थे। थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनवात्रा ने सभी नेताओं का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया।
पीएम मोदी की पोस्ट: साझा विकास का संदेश:
प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन से जुड़ी तस्वीरें और संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, “थाईलैंड के बैंकॉक में आयोजित शिखर सम्मेलन में साथी बिम्सटेक नेताओं के साथ। हम विविध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। हमारी कोशिशों से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आए, ऐसी कामना करता हूं।”
म्यांमार को भूकंप के बाद भारत का समर्थन:
बिम्सटेक सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने म्यांमार के नेता मिन आंग हलिंग से भी मुलाकात की। म्यांमार में हाल ही में आए 7.7 तीव्रता वाले भीषण भूकंप के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत मानवीय राहत पहुंचाई है। इस आपदा में 3,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
पीएम मोदी ने इस त्रासदी पर शोक जताते हुए कहा,“भारत इस कठिन समय में म्यांमार के भाइयों-बहनों के साथ खड़ा है। हर संभव सहायता दी जा रही है।”
थाईलैंड के साथ द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई:
शिखर सम्मेलन से पहले पीएम मोदी ने थाई प्रधानमंत्री शिनवात्रा के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की। दोनों नेताओं ने भारत-थाईलैंड संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक ले जाने पर सहमति जताई। इस दौरान व्यापार, पर्यटन, सुरक्षा और डिजिटल सहयोग जैसे कई विषयों पर समझौते हुए।