मूल रूप से कनाडा के रहने वाले 68 वर्षीय फिल्म निर्देशक जेम्स कैमरून की फिल्में भारत में खास तौर से सफल रही हैं। उनकी फिल्म ‘टर्मिनेटर’ सीरीज की उनकी दोनों फिल्में भारतीय दर्शकों की पसंदीदा फिल्मों में शामिल रही हैं। वहीं ऑस्कर समारोह में पुरस्कारों का नया रिकॉर्ड बनाने वाली उनकी फिल्म ‘टाइटैनिक’ तो इतनी हिट रही थी कि उसे तमाम भारतीय भाषाओं में डब किया गया और बाद में फिल्म की कहानी पर रेडियो शोज तक बने थे। वहीं 16 दिसंबर को रिलीज होनेवाली उनकी फिल्म ‘अवतार द वे ऑफ वाटर’ की तोबड़तोड़ बुकिंग हो रही है। वहीं उनके करीबियों का मनाना है कि उनकी ‘अवतार’ फिल्म सीरीज भारत के हिंदू धर्म से ही पानी पाती है और फिल्म सीरीज का नाम अवतार भी हिंदुओं में पुनर्जन्म की अवधारणा को ही दुनिया में प्रचारित प्रसारित करता है। वहीं जेम्स कैमरून कहते हैं, ‘हिंदुओं का पूरा देव समूह बहुत ही समृद्ध और जीवंत है। मुझे इनकी पौराणिक कथाए, मेरा मतलब है कि सब कुछ बहुत ही ज्यादा पसंद है।
फिल्म ‘अवतार’ की सीक्वल ‘अवतार द वे ऑफ वाटर’ मूल फिल्म के 13 साल बाद अब 16 दिसंबर को रिलीज होने जा रही है। भारत में भी इसकी ओपनिंग धमाकेदार रही। अपने साक्षात्कारों में जेम्स कैमरून पहले भी कह चुके हैं कि उनकी फिल्मों का नाम ‘अवतार’ और फिल्म में दिखाई पैंडोरा की दुनिया उनके अवचेतन मन में बसी भारत की तस्वीरों से ही जन्मी है। फिल्म ‘अवतार द वे ऑफ वाटर’ भारत में अंग्रेजी के अलावा हिंदी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम में भी रिलीज हो रही है। जेम्स कैमरून की फिल्म ‘अवतार’ में एक ऐसे मुकाम पर पहुंचा दिया जिसने दुनिया में सिनेमा की शक्ल ही बदल दी।
पर्यावरण संरक्षण जैसे अहम मुद्दे को बड़े परदे पर एक अकल्पनीय दुनिया पैंडोरा के जरिये पेश करने वाली फिल्म ‘अवतार’ को बड़ी कामयाबी मिली थी। वहीं दुनियाभर में फिल्म का कारोबार तब करीब 292 करोड़ डॉलर का रहा था। वहीं फिल्म ‘अवतार द वे ऑफ वाटर’ ने अपने पहली झलक के साथ ही दुनिया भर के दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है और ये इस साल की सबसे ज्यादा प्रतीक्षित फिल्मों की सूची में शुरू से प्रथम स्थान पर रही है। फिल्म की कहानी उस काल्पनिक दुनिया पैंडोरा की है जहां वैज्ञानिकों का एक दल एक इंसान को वहां रहने वाले आदिवासियों का रूप धरकर भेज देता है। उसको वहां के कबीले के सरदार की बेटी से प्रेम हो जाता है और वह वैज्ञानिकों की उस साजिश में शामिल होने से इंकार कर देता है जो इन आदिवासियों की धरती पर छुपे बेशकीमती खनिज पदार्थों को वहां से निकाल ले जाने के लिए रची गई है।
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