मुंबई। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को बांबे हाईकोर्ट से राहत मिली है। कंगना के पासपोर्ट नवीनीकरण में अडंगा लगाने के उद्देश्य से फिल्म गीतकार जावेद अख्तर द्वारा दायर हस्तक्षेप आवेदन पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि इस मामले में अख्तर का कोई संबंध नहीं है। यदि इस तरह हस्तक्षेप आवेदन पर सुनवाई करते रहे तो अदालत में इस तरह के मामलों की बाढ़ आ जाएगी। सोमवार को मामले से जुड़ी याचिकाओं पर न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी।
याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि रनौत फिल्म ‘दिद्दा’ से जुड़े कॉपीराइट मामले को लेकर दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसके अलावा रनौत ने अपने पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए भी आवेदन किया था। सुनवाई के दौरान अख्तर की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता विरेंद्र ग्रोवर ने कहा कि पासपोर्ट नवीनीकरण मामले में अदालत के साथ धोखाधड़ी की गई है। इस पर खंडपीठ ने अधिवक्ता ग्रोवर से पूछा कि पहले वे बताए कि उनके मुवक्किल इस मामले में हस्तक्षेप करने का हक कैसे रखते हैं। रनौत ने मामला रद्द करने को लेकर जो याचिका दयार की है उसमें अख्तर पक्षकार नहीं हैं।
तो आ जाएगी मुकदमों की बाढ़
एडवोकेट ग्रोवर ने कहा कि मामला रद्द करने को लेकर दायर याचिका में ही रनौत ने पासपोर्ट नवीनीकरण को लेकर आदेश हासिल किया है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यदि ऐसे लोगों को किसी मामले में हस्तक्षेप करने की छूट दी गई तो कोर्ट में मामलों की बाढ आ जाएगी। इसके साथ ही खंडपीठ ने अख्तर के वकील को कहा कि वे इस मामले में शिकायतकर्ता या फिर सरकारी वकील से संपर्क करें। खंडपीठ ने अब कंगना की कॉपीराइट से जुड़े मामले को रद्द करने से जुड़ी याचिका पर 11 अगस्त को सुनवाई रखी है। इस बीच कोर्ट में पासपोर्ट नवीनीकरण मामले को लेकर एक और आवेदन दायर हुआ है। जिसमें रनौत पर पासपोर्ट को लेकर शपथपत्र में झूठ बोलने का आरोप लगाया गया है।