Birth Anniversary:जिधर देखती हूं उधर तुम ही तुम हो,तुम्हीं मेरे मंदिर…

Birth Anniversary:जिधर देखती हूं उधर तुम ही तुम हो,तुम्हीं मेरे मंदिर…

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फेमश दिवंगत अदाकारा नूतन बहल हिंदी सिनेमा की ऐसी अभिनेत्री थीं जिसने अपनी खूबसूरती और अभिनय से अमिट छाप छोड़ी। वह 50 और 60 के दशक की टॉप अभिनेत्रियों में से एक थीं। नूतन का जन्म 4 जून 1936 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता कुमारसेन समर्थ एक मशहूर फिल्म निर्देशक और कवि थे। वहीं नूतन की मां शोभना समर्थ एक अभिनेत्री रही थीं। घर में हमेशा फिल्मी माहौल होने की वजह से नूतन ने छोटी उम्र से ही अभिनय में रुचि लेनी शुरू कर दिया था। उन्होंने महज 14 साल की उम्र में ही बॉलीवुड में कदम रख दिया था। नूतन की डेब्यू फिल्म साल 1950 में आई ‘हमारी बेटी’ थी। इस फिल्म का निर्देशन उनकी मां शोभना समर्थ ने किया था। इसके बाद नूतन ने ‘नगीना’, ‘हम लोग’, ‘लैला मजनूं’, ‘सीमा’, ‘चंदन’, ‘कभी अंधेरा कभी उजाला’ सहित कई शानदार फिल्मों में काम किया।

उन्होंने नेवी के लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीश बहल से शादी कर ली। हालांकि शादी के बाद भी नूतन सिनेमा में पूरी तरह से सक्रिय रही थीं। शादी के बाद भी उन्होंने ‘बंदिनी’, ‘छलिया’, ‘देवी’, ‘सरस्वतीचंद्र’, ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ और ‘सौदागर’ सहित कई शानदार फिल्मों में अभिनय किया और बड़े पर्दे पर दर्शकों के दिलों को जीता था। नूतन बॉलीवुड की उन अभिनेत्रियों में से एक थीं जिन्होंने 50 और 60 के दशक में फिल्मी पर्दे पर स्विमसूट पहना था। उन्होंने साल 1958 में आई फिल्म ‘दिल्ली का ठग’ में स्विमिंग कॉस्ट्यूम पहना था। नूतन ने अपने शानदार अभिनय से कई बड़े पुरस्कार भी हासिल किए थे। वह फिल्मफेयर सहित पद्मश्री पुरस्कार भी जीत चुकी हैं। नूतन को साल 1974 में पद्मश्री पुरस्कार ने नवाजा गया था।अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में नूतन ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो गई थीं । साल 1990 में शुरू हुई यह बीमार उनको ज्यादा दिन परेशान नहीं कर सकी । 21 फरवरी 1991 को अस्पताल में इलाज के दौरान उनका देहांत हो गया। खानदान फिल्म का वह गाना जिधर देखती हूं उधर तुम ही तुम हो,तुम्हीं मेरे मंदिर तुम्ही मेरी पुजा कई फिल्मों के गाने आज भी भूले नहीं भूलते हैं।

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