साल 2022 में उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल साहू की निर्मम हत्या पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर मचे विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस फिल्म की रिलीज पर दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक को फिल्म निर्माता अमित जॉनी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यह फिल्म 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होनी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने कानून-व्यवस्था और हत्या के चल रहे मुकदमे की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए इस पर अंतरिम रोक लगा दी थी। अब यह मामला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है।
फिल्म की रिलीज का विरोध कर रहे हत्याकांड के आरोपी जावेद की ओर से कोर्ट में यह दलील दी गई है कि फिल्म के जरिए समाज में एकतरफा राय बनाई जा सकती है, जिससे मुकदमे की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। उन्होंने आशंका जताई है कि फिल्म जनता की धारणा को प्रभावित कर सकती है, जो अदालत में उनके पक्ष को नुकसान पहुंचाएगा।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 21 जुलाई तक के लिए स्थगित करते हुए कहा था कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति इस फिल्म की समीक्षा कर रही है। अदालत ने स्पष्ट किया कि वह केंद्र सरकार की राय का इंतजार करेगी। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था, “अगर सरकार को लगता है कि फिल्म में कोई आपत्ति योग्य बात नहीं है, तो हम रिलीज की अनुमति पर विचार करेंगे। यदि कुछ कट्स सुझाए जाते हैं, तो वह भी देखे जाएंगे।”
पीठ ने अपने एक बयान में संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) को अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) से ऊपर बताते हुए कहा कि किसी की सुरक्षा और निष्पक्ष न्याय की गारंटी पहले है। इस टिप्पणी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थकों में बहस को जन्म दिया है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फिल्म निर्माताओं की याचिका पर विचार करते हुए केंद्र सरकार से कहा था कि बिना देरी किए, फिल्म की समीक्षा कर त्वरित फैसला लिया जाए, ताकि आगे की कार्रवाई हो सके।
फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ उस हृदयविदारक घटना पर आधारित है जिसमें इस्लामी चरमपंथियों ने 2022 में उदयपुर में कन्हैया लाल साहू की एक सोशल मीडिया पोस्ट के चलते दिनदहाड़े गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था और हिंसक कट्टरता और धार्मिक असहिष्णुता पर बहस को फिर से हवा दे दी थी। आज की सुनवाई से यह तय हो सकता है कि क्या फिल्म को संशोधित रूप में रिलीज करने की अनुमति दी जाएगी या फिर इस पर लगी रोक जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर फिल्म इंडस्ट्री, कानूनविदों और आम जनमानस की पैनी नजर बनी हुई है।
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