साउथ फिल्म इंडस्ट्री से एक दुखद समाचार सामने आया है। लोकप्रिय तेलुगु अभिनेता और हास्य कलाकार फिश वेंकट का शुक्रवार को 53 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। लंबे समय से किडनी और लिवर संबंधी समस्याओं से जूझ रहे वेंकट ने हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, वह वेंटिलेटर पर थे और नियमित डायलिसिस के दौर से गुजर रहे थे, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
फिश वेंकट के निधन की खबर से तेलुगु सिनेमा और उनके प्रशंसकों में गहरा शोक व्याप्त है। तेलंगाना युवा कांग्रेस के सदस्य मो. उमर फारूक कुरैशी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “फिश वेंकट (53) का निधन डायलिसिस के दौरान हो गया। उन्होंने 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।”
फिश वेंकट का असली नाम मंगलमपल्ली वेंकटेश था, लेकिन फिल्मों में उनके अनोखे तेलंगाना लहजे और मजेदार अंदाज के चलते उन्हें ‘फिश वेंकट’ के नाम से लोकप्रियता मिली। उन्होंने अपने करियर में न सिर्फ हंसी बाँटी बल्कि कभी-कभी विलेन के रोल में भी दर्शकों को चौंकाया।
उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में ‘गब्बर सिंह’, ‘डीजे टिल्लू’, ‘बनी’, ‘आदी’, ‘अधूर’, ‘खुशी’,’नरकासुर’, ‘स्लम डॉग हसबैंड’, ‘कॉफी विद अ किलर’ जैसी फ़िल्में शामिल हैं। फिश वेंकट ने पवन कल्याण, अल्लू अर्जुन, रवि तेजा और नागार्जुन जैसे बड़े सितारों के साथ भी स्क्रीन शेयर की थी। उनकी तुलना अक्सर अभिनेता रामी रेड्डी से की जाती थी, जिनसे उनका चेहरा काफी मिलता-जुलता था।
वेंकट के इलाज के दौरान उनके परिवार को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। उनकी बेटी श्रावंती ने इलाज के लिए 50 लाख रुपये की सार्वजनिक अपील की थी। इसी अपील के बाद ‘बाहुबली’ फेम अभिनेता प्रभास उनकी मदद के लिए आगे आए थे और किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का वादा किया था।
फिश वेंकट ने सिनेमा को हंसी और मानवीय भावनाओं का माध्यम माना। उनका योगदान सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं रहा, उन्होंने समाज में हास्य के महत्व को नए स्तर पर पहुंचाया। तेलुगु सिनेमा ने एक अनमोल सितारा खो दिया। उनके अभिनय, संवाद अदायगी और जीवन के प्रति नजरिए को आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवार को इस कठिन समय में संबल दे।
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