मुंबई। सुप्रसिद्ध टीवी अभिनेत्री श्वेता तिवारी और उनके पूर्व पति अभिनेता अभिनय कोहली के बीच उनके पांच साल के बच्चे की कस्टडी को लेकर चल रहे मुकदमे में फिलहाल श्वेता तिवारी को बच्चे की कस्टडी मिली है। बांबे हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि पांच साल के बच्चे को पिता की अपेक्षा मां से ज्यादा प्यार व सुरक्षा मिल सकती है। हालांकि कोर्ट ने पिता अभिनव कोहली को रोज बच्चे से ऑनलाईन बातचीत करने और सप्ताह में दो दिन प्रत्यक्ष तौर पर मिलने की इजाजत दी है।
न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ ने कहा कि नाबालिग बच्चे के कल्याण से जुड़ा मुद्दा सिर्फ एक अभिभावक की कामकाजी व्यस्तता व दूसरे अभिभावक के पास अधिक समय होने के आधार पर नहीं तय किया जा सकता। इस दौरान खंडपीठ ने माना कि बच्चे को अपने माता-पिता दोनों के स्नेह की जरुरत है। इसलिए पिता को भी बच्चे से मिलने का अधिकार है। खंडपीठ ने मां को निर्देश दिया है कि वह रोजाना बच्चे को आधे घंटे पिता को ऑनलाइन और सप्ताह में दो दिन प्रत्यक्ष रुप से मिलने दे। खंडपीठ ने कहा कि हम अपेक्षा करते है कि पिता और फिल्म इडस्ट्री में काम करने वाली मां (श्वेता तिवारी) वास्तविक जीवन में अपने बच्चे का ख्याल रखेंगी।
हाईकोर्ट में बच्चे के पिता कोहली ने याचिका दायर कर बच्चे को उसे सौपने की मांग की थी। याचिका में कोहली ने दावा किया था कि उसकी पत्नी ने अवैध रुप से बच्चे को उससे दूर किया है। सुनवाई के दौरान पति अभिनव कोहली की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता स्वप्ना कोदे ने कहा कि मेरे मुवक्किल ने अब फिल्मों में अभिनय छोड़ दिया है, ताकि वह बच्चे की देखरेख कर सके। जबकि उससे अलग रह रही उनकी पत्नी अभी भी फिल्म उद्योग में काम कर रही है।
इसलिए बच्चे के मां कि पेशेवर व्यस्तता को देखते हुए बच्चे को मेरे मुवक्किल को सौप दिया जाए। जबकि पत्नी की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि बच्चा अपनी मां के साथ खुश है। बच्चे के विकास व कल्याण के लिए उसका मां के साथ रहना अधिक अनुकुल है। इस तरह से खंडपीठ ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बात बच्चे को पिता को सौपने से इंकार कर दिया।