आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कोयला क्षेत्र का बड़ा कदम, 40,900 करोड़ का निवेश और 4 लाख नौकरियां

केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि इस दौर में 28 कोयला और लिग्नाइट ब्लॉकों की नीलामी की जा रही है, जिससे भारत की विदेशी कोयले पर निर्भरता कम होगी और देश की मुद्रा का संरक्षण होगा।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कोयला क्षेत्र का बड़ा कदम, 40,900 करोड़ का निवेश और 4 लाख नौकरियां

Coal sector takes a big step towards self-reliant India, investment of Rs 40,900 crore and 4 lakh jobs

देश का कोयला क्षेत्र आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब तक 11 दौर की नीलामी में 125 कोयला खदानें सफलतापूर्वक नीलाम की जा चुकी हैं, जिससे 40,900 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ है और 4 लाख से अधिक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित हुई हैं।

सरकार ने घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने और ऊर्जा सुरक्षा मजबूत करने के लिए वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी की 12वीं किस्त शुरू की है। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि इस दौर में 28 कोयला और लिग्नाइट ब्लॉकों की नीलामी की जा रही है, जिससे भारत की विदेशी कोयले पर निर्भरता कम होगी और देश की मुद्रा का संरक्षण होगा।

मंत्री ने यह भी कहा कि पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया ने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया है, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिला है। इससे न केवल दक्षता में सुधार हुआ है, बल्कि भारत के कोयला क्षेत्र की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता भी मजबूत हुई है। केंद्रीय मंत्री ने उद्योग जगत से 12वीं नीलामी में सक्रिय भागीदारी की अपील करते हुए कहा कि यह प्रयास भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

इस अवसर पर केंद्रीय कोयला और खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि भारत ने 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन का आंकड़ा पार कर लिया है। उन्होंने इस नीलामी को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम बताया। सरकार के मुताबिक, यह प्रक्रिया न केवल कोयला उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि निवेश को आकर्षित करने, रोजगार के अवसर पैदा करने और बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने में भी सहायक होगी।

नीलामी में शामिल खदानें झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे खनिज समृद्ध राज्यों में स्थित हैं। इनमें दो लिग्नाइट खदानें भी शामिल हैं, जो विभिन्न ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेंगी। इनमें से 13 पूरी तरह खोजी जा चुकी हैं, जबकि 12 आंशिक रूप से खोजी गई हैं, जिससे दीर्घकालिक निवेश के अवसर मिलेंगे और भारत के कोयला क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के पिछले दौर की तीन खदानें भी इस बार फिर से पेश की जा रही हैं।

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