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Friday, September 20, 2024
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कोरोना की मार, होटल-रेस्टोरेंट को हुआ 1 लाख 30 हजार करोड़ का नुकसान

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मुंबई। पिछले डेढ़ वर्षो से शुरू लॉक डाउन ने होटल रेस्टोरेंट व्यवसाय की कमर तोड़ दी है। होटल रेस्टोरेंट व्यवसायियों के शीर्ष संगठन फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) ने दावा किया है कि महामारी के चलते इस व्यवसाय को 1 लाख 30 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। 75 फीसदी व्यवसाय कम हो गया है। एफएचआरएआई ने नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी और पर्यटन मंत्री  प्रहलाद सिंह पटेल को पत्र लिखकर हॉस्पिटैलिटी उद्योग को उसकी वर्तमान बिगड़ती स्थिति से बचाने के लिए तत्काल वित्तीय उपाय करने का अनुरोध किया है। इस बारे में एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष गुरबख्शीश सिंह कोहली ने कहा कि मार्च 2020 से उद्योग अपने वैधानिक और पूंजीगत व्यय दायित्वों को व्यवस्थित करने के लिए संघर्ष कर रहा है। वर्तमान परिस्थिति के कारण अधिक गंभीर आर्थिक वातावरण में ब्याज सहित कर्जो का भुगतान असंभव लग रहा। ईएमआई और ब्याज भुगतान पर वर्तमान समय में रोक के बिना, सेक्टर पूरी तरह से चरमरा जाएगा।

हमारा कारोबार करने का अधिकार छीन लिया गया, लेकिन हमसे कर्ज वसूला जा रहा है। हम सरकार से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए एक विशिष्ट नीति बनाने का अनुरोध करते हैं। एफएचआरएआई ने कहा है कि कारोबार लगातार बंद हो रहे हैं और एनपीए बढ़ रहे हैं। हमारे अनुमानों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2019-20 में भारतीय होटल उद्योग का कुल राजस्व 1.82 लाख करोड़ रुपये रहा। वित्तीय वर्ष 2020-21 में उद्योग के राजस्व का लगभग 75 प्रतिशत कम हो गया। यानी 1.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्रभावित हुआ, हॉस्पिटैलिटी उद्योग पर बकाया कुल कर्ज 60,000 करोड़ रुपये से अधिक है। एफएचआरएआई के सचिव प्रदीप शेट्टी का कहना है कि वित्तीय घाटे के कारण, देश में 30 प्रतिशत होटल और रेस्तरां स्थायी रूप से बंद हो गए हैं और लगभग 20 प्रतिशत पहले लॉकडाउन के बाद से पूरी तरह से खुल नहीं पाएं हैं।

शेष 50 प्रतिशत घाटे में चल रहे हैं। पूंजी की कमी, कार्यबल की कमी और बढ़ते नुकसान से पर्यटन और आतिथ्य उद्योग बहुत ही खराब स्थिति में है, जो सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 10 प्रतिशत है, और लगभग 90 मिलियन नौकरियों का उपलब्ध कराता है। 2019 में 1,94,881 करोड़ रुपये (29.96 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की विदेशी मुद्रा आय (एफईई) उत्पन्न किया गया था। इसलिए सरकार के द्वारा कम ब्याज दर के साथ कार्यशील पूंजी सहायता उन आतिथ्य प्रतिष्ठानों की मदद करेगी जो नकारात्मक नकदी प्रवाह के कारण अपने कार्य को फिर से शुरू करने और बनाए रखने के लिए परेशानियों का सामना कर रहे हैं। हम सरकार से उद्योग में लगे कर्मचारियों और उनके परिवारों को आय के नुकसान की भरपाई के लिए भी अनुरोध करते है। हम सरकार से यह भी अनुरोध करते हैं कि हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के कर्मचारियों को कोविड फ्रंटलाइन योद्धाओं के रूप में मान्यता दें और उनकी उम्र के अनुसार उनके टीकाकरण को प्राथमिकता देना चाहिए क्योंकि यह क्षेत्र ज्यादातर 18-50 आयु वर्ग के लोगों को रोजगार देता है, जो देश की आबादी का 70 प्रतिशत है।

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