नई दिल्ली। फेसबुक अगले सप्ताह अपनी कंपनी का नाम बदलने की योजना बना रहा है। बताया जा रहा है कि कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग 28 अक्टूबर को वार्षिक सम्मेलन में इस संबंध में ऐलान कर सकते हैं। द वर्ज के अनुसार कंपनी की रिब्रांडिंग के लिए ऐसी योजना बना रही है।
रिपोर्ट्स की माने तो कंपनी ये फैसला इसलिए लेना चाहती हैं ताकि वह सोशल मीडिया प्लेटफार्म से अधिक के लिए पहचानी जाए। हालांकि फेसबुक के एक प्रवक्ता ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि कंपनी “अफवाहों या अटकलों पर टिप्पणी नहीं करती है।” बता दें कि फेसबुक के फाउंडर Zuckerberg ने जुलाई में earning कॉल में कहा था कि कंपनी का भविष्य ‘metaverse’ में है। फेसबुक जो लक्ष्य बना रहा है, वह एक अल्फाबेट इंक जैसी होल्डिंग कंपनी है, जो कि एक संगठन के तहत इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, ओकुलस और मैसेंजर जैसे कई सोशल नेटवर्किंग ऐप में से एक है।
यह खबर ऐसे समय में आई है जब कंपनी को अपने कारोबारी तौर-तरीकों को लेकर अमेरिकी सरकार की बढ़ती जांच का सामना करना पड़ रहा है। दोनों पार्टियों की सांसदों ने फेसबुक को लेकर कांग्रेस में बढ़ते गुस्से को जाहिर करते हुए कंपनी की खिंचाई की है। दरअसल, ये कंपनी की री-ब्रांडिंग है और कंपनी के बाकी प्रॉडक्ट्स जैसे कि वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम को कंपनी के नए बैनर तले लाये जाने की योजना है। अभी तक कहा वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम को फेसबुक के प्रॉड्क्ट्स कहा जाता है।
लेकिन फेसबुक खुद एक प्रॉडक्ट है। रिपोर्ट के अनुसार, अब एक कंपनी बनाई जा रही है, जिसके अंदर ये तीनों सोशल मीडिया ऐप्स के साथ-साथ ऑकुलस (Oculus) समेत बाकी सारे प्रॉडक्ट्स रहेंगे। बता दें कि इसी तरह का काम गूगल ने भी किया था। गूगल ने अपनी सभी सेवाओं के लिए अल्टाबेट इंक नामक पेरेंट कंपनी बनाई थी।