28 C
Mumbai
Wednesday, December 10, 2025
होमन्यूज़ अपडेटबाकी सामान सस्ते लेकीन ‘सिन गुड्स’ पर अब 40% टैक्स, जानें क्या...

बाकी सामान सस्ते लेकीन ‘सिन गुड्स’ पर अब 40% टैक्स, जानें क्या है ‘सिन गुड्स’!

Google News Follow

Related

केंद्र सरकार ने जीएसटी ढांचे में बड़ा बदलाव करते हुए मध्यमवर्ग के रोजमर्रा की चीजें सस्ती की है, साथ ही 40% टैक्स के नए स्लैब की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि यह दर सिर्फ सीमित श्रेणी के उत्पादों यानी ‘सिन गुड्स’ और कुछ सुपर-लक्ज़री आइटम्स पर लागू होगी। वहीं बाकी अधिकांश वस्तुओं पर टैक्स घटाकर केवल 5% और 18% कर दिया गया है।

‘सिन गुड्स’ ऐसे उत्पादों को कहा जाता है, जो समाज के बुद्धि और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते है। इनमें तंबाकू, गुटखा, पान मसाला, सिगरेट, शराब और मीठे या कार्बोनेटेड पेय शामिल हैं। दुनियाभरकी सरकारें ऐसे उत्पादों पर ऊंचे टैक्स लगाकर इनके सेवन को हतोत्साहित करती हैं। ऐसा करने से सार्वजनिक कल्याण योजनाओं के लिए अतिरिक्त राजस्व भी जुटाने में मदद मिलती हैं।

भारत में अब तक इन वस्तुओं पर 28% जीएसटी के साथ अतिरिक्त मुआवजा उपकर (Compensation Cess) भी लगाया जाता था। लेकिन नए फैसले के तहत उपकर की व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से खत्म की जा रही है। इस वजह से सरकार ने कर बोझ को बरकरार रखने के लिए इन्हें सीधे 40% जीएसटी स्लैब में डाल दिया है।

इसे ‘स्पेशल रेट’ कहा गया है क्योंकि यह सिर्फ सीमित उत्पादों पर लागू होगा। सरकार का तर्क है कि उपकर खत्म करने से कर वसूली घट जाती, इसलिए टैक्स दर को सीधे जीएसटी में शामिल कर लिया गया है। साथ ही, उच्च दर का मकसद समाज और स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालने वाले उत्पादों की खपत को हतोत्साहित करना है।

किन-किन वस्तुओं पर लगेगा 40% जीएसटी?

  • पान मसाला, गुटखा, सिगरेट और तंबाकू उत्पाद
  • चबाए जाने वाली तंबाकू, बीड़ी, सिगार, सिगारिलोस
  • एरेटेड और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, कैफीन युक्त पेय
  • 1200 सीसी से बड़ी पेट्रोल कारें और 1500 सीसी से बड़ी डीजल कारें
  • 350 सीसी से ऊपर की मोटरसाइकिलें
  • यॉट्स, निजी इस्तेमाल के एयरक्राफ्ट, रेसिंग कारें
  • ऑनलाइन जुआ और गेमिंग प्लेटफॉर्म

ये सभी वस्तुएं पहले भी 28% जीएसटी और उपकर मिलाकर लगभग 40% के बराबर टैक्स झेल रही थीं। अब इसे एकल स्लैब में समेकित कर दिया गया है।

56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में यह भी तय हुआ कि 12% और 28% स्लैब को खत्म कर दिया जाएगा। इसके बाद रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, छोटे टीवी, एयर कंडीशनर, दवाइयां, दूध उत्पाद, बिस्कुट, सूखे मेवे और शैक्षिक सामग्री पर कर घटाकर 5% या 18% कर दिया गया है। नया ढांचा 22 सितंबर से लागू होगा। इससे आम घरों के बजट को राहत मिलने के साथ-साथ उपभोग और मांग में भी इजाफा होने की उम्मीद है।

स्पष्ट तौर से दिखता है की सरकार ने ‘सिन गुड्स’ और लक्ज़री उत्पादों पर सख्ती बरकरार रखते हुए आम उपभोक्ता को कर संरचना में सीधी राहत देने की कोशिश की है।

यह भी पढ़ें:

‘द बंगाल फाइल्स’ पर दबाव और धमकियों से पीड़ित निर्माता ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र !

बाढ़ के कहर से जूझते पंजाब पहुंचे केंद्रीय मंत्री, केंद्र सरकार हर कदम पर देगी साथ !

GST काउंसिल के फैसले से रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती; फिर कौनसी चीजें होंगी महंगी ?

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,701फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
284,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें