इंफोसिस के को फाउंडर नारायण मूर्ति ने बड़ा बयान दिया है। उनके बयान के बाद सवाल उठ रहे है कि सच में आर्थिक मामलों पर लंबा चौड़ा भाषण देने यूपीए सरकार के कार्यकाल में भारत की आर्थिक गतिविधियां रुक गई थी। ऐसा दावा एनआर नारायण मूर्ति ने किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह एक बेहतरीन व्यक्ति थे, लेकिन यूपीए की सरकार के दौरान भारत की आर्थिक गतिविधियां आगे नहीं बढ़ पा रही थीं।
नारायण मूर्ति ने बात शुक्रवार को अहमदाबाद में भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (आईएमएम ए) के छात्रों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा भारत का युवा दिमाग चीन के सामने एक प्रतिद्वंदी के रूप में खड़ा हो सकता है।
नारायण मूर्ति ने अपने बयान में कहा है कि मै जब लंदन में एचएसबीसी के बोर्ड में था। तो बोर्ड की बैठकों में भारत का एक ही बार नाम आता था। जबकि चीन का दो तीन बार नाम लिया जाता था। उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं भारत के साथ क्या हुआ। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एक अच्छे व्यक्ति थे, उनके प्रति मेरे मन में सम्मान है। लेकिन यूपीए सरकार के दौरान भारत की आर्थिक गतिविधियां ठहर सी गई थी। उस समय निर्णय नहीं लिए जा रहे थे। उस समय जो भी निर्णय लिए जा रहे थे वह देरी से लिए जा रहे थे।
गौरतलब है कि 2008 एचएसबीसी में दुनिया के बड़े बैंकों में शुमार एचएसबीसी के बोर्ड में नारायण मूर्ति को शामिल किया गया था। नारायण मूर्ति एचएसबीसी के होल्डिंग्स के स्वतंत्र गैर कार्यकारी निदेशक बनाया गया था। नारायण मूर्ति का यह भी कहना है कि जब उन्होंने 2012 में बोर्ड को छोड़ा तो भी भारत का नाम शायद ही लिया जाता था। वहीं चीन की बात की जाए तो लगभग 30 बार लिया गया था। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि आज भारत को सम्मान की नजर से देखा जाता है। जबकि भारत विश्व में पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है।
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