स्नैपडील के सह-संस्थापक और शार्क टैंक इंडिया के जज कुनाल बहल ने अपने करियर के एक अहम अनुभव को साझा करते हुए युवाओं को प्रेरित किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीज़ा फीस को 1 लाख डॉलर सालाना करने की घोषणा के बाद बहल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने 2007 में मिले झटके को अपनी ज़िंदगी का सबसे बड़ा अवसर बताया।
कुनाल बहल, जो माइक्रोसॉफ्ट में काम कर रहे थे, ने याद किया कि उन्हें एक ईमेल मिला था जिसमें उनके एच-1बी वीज़ा को अस्वीकृत कर दिया गया था। उन्होंने लिखा, “उस पल यह खबर बेहद चुभने वाली और सुन्न कर देने वाली थी।” बहल ने बताया कि कैसे यह झटका शुरू में उनकी महत्वाकांक्षाओं पर भारी पड़ा, लेकिन इसी मोड़ ने उनकी ज़िंदगी की दिशा बदल दी।
वीज़ा रिजेक्शन के बाद बहल भारत लौट आए और यहां उन्होंने स्नैपडील की नींव रखी, जो आगे चलकर देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में से एक बन गई। अपने संदेश में उन्होंने मौजूदा दौर में निराशा झेल रहे लोगों को हिम्मत देते हुए कहा, “पॉज़िटिव रहिए। आपके लिए कुछ और बड़ा और बेहतर लिखा है।”
बहल ने आगे कहा, “नए एच-1बी नियमों की वजह से बहुत सारे प्रतिभाशाली लोग भारत लौटेंगे। शुरुआत में यह कठिन जरूर लगेगा, लेकिन भारत में मौजूद अपार अवसरों के चलते वे सफल होंगे। यहां टैलेंट डेंसिटी लगातार बढ़ रही है।”
हालांकि, उनके इस पोस्ट पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं भी आईं। एक यूज़र ने लिखा, “यह सिर्फ भारत के टैलेंट मार्केट को और भीड़भाड़ वाला बना देगा, जहां एक नौकरी के लिए पहले ही हजारों लोग आवेदन करते हैं। इतनी कड़ी प्रतिस्पर्धा में भारत लौटना आसान नहीं है। कई लोग विदेश में रहना इसलिए चुनते हैं क्योंकि भारत फिलहाल वह माहौल नहीं दे रहा है।”
फिर भी, कुनाल बहल का यह पोस्ट वायरल हो गया है और इसे हजारों लोगों ने साझा किया है। यह संदेश पेशेवरों और उद्यमियों के लिए प्रेरणा बना है कि कभी-कभी करियर में आने वाला झटका या असफलता, जीवन का सबसे बड़ा अवसर साबित हो सकता है।
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