दरा महंगाई दर में नरमी और खाद्य कीमतों में गिरावट को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस साल रेपो रेट में 50 आधार अंक तक की कटौती कर सकता है। यह जानकारी मॉर्गन स्टेनली की हालिया रिपोर्ट में सोमवार को दी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य उत्पादों की कम कीमतें, जीएसटी दरों में कटौती और इनपुट मूल्य दबावों में कमी के कारण हेडलाइन महंगाई दर नरम बनी रहेगी। मॉर्गन स्टेनली के अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में हेडलाइन महंगाई दर औसतन 2.4 प्रतिशत सालाना रहेगी, जिससे आरबीआई अक्टूबर और दिसंबर में प्रत्येक चरण में 25 आधार अंकों (0.25 प्रतिशत) की कटौती कर सकता है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिछले सात महीनों से खुदरा महंगाई दर आरबीआई के 4 प्रतिशत लक्ष्य से नीचे चल रही है। मुख्य महंगाई दर 4.2 प्रतिशत के दायरे में बनी हुई है, जबकि पिछले 22 महीनों से यह 3.1 प्रतिशत और 4 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है, जो महंगाई में नरमी का संकेत है। कम महंगाई दर के इस ट्रेंड के पीछे लगातार नरमी दिखाने वाली खाद्य कीमतें और बेहतर फसल उत्पादन का अनुकूल प्रभाव है। इसके साथ ही जीएसटी सुधारों से समग्र मूल्य स्तरों में गिरावट का रुझान भी बना रहेगा।
मॉर्गन स्टेनली ने यह भी अनुमान लगाया है कि हेडलाइन महंगाई दर वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में औसतन 2.6 प्रतिशत रह सकती है, जबकि पूरे वित्त वर्ष में यह 2.4 प्रतिशत रहेगी। जीएसटी सुधारों के कारण घरेलू मांग में भी इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही से बढ़त देखने को मिल सकती है, हालांकि टैरिफ के कारण विदेशी मांग पर असर पड़ सकता है। इस संपूर्ण परिदृश्य को देखते हुए, आरबीआई के लिए रेपो रेट में कटौती की संभावना मजबूत दिखाई दे रही है।
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