मुंबई। होटल व्यवसायियों के प्रमुख संगठन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया (एचआरएडब्ल्यूआई) ने महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध किया कि रेस्टोरेंट को पूरे सप्ताह सुबह 7 बजे से रात 12:30 बजे तक खोलने की दे अनुमति दें। एचआरएडब्ल्यूआई ने महाराष्ट्र सरकार से राज्य में रेस्तरां उद्योग के लिए राहत का अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री – उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री – दिलीप वालसे पाटिल, पर्यावरण, पर्यटन और प्रोटोकॉल मंत्री – आदित्य ठाकरे, प्रमुख सचिव, पर्यटन, नागरकउड्डयन और राज्य उत्पाद शुल्क – वलसा नायर सिंह और मुख्य सचिव सीताराम कुंटे के सामने अपनी मांग रखी है।
एसोसिएशन ने जिन शहरों और जिलों में बहुत कम कोविड 19 मामलों है वहां पर बिना प्रतिबंध के रेस्तरां संचालित करने के लिए समय और प्रोटोकॉल को बदलने का अनुरोध किया है। एसोसिएशन के अनुसार लेवल 1 या 2 के अंतर्गत आने वाले रेस्तराको संबंधित लाइसेंस के तहत नियमित समय के अनुसार संचालित करने की अनुमति दी जाए।एचआरएडब्ल्यूआई ने कहा है कि रेस्तरां को शनिवार और रविवार सहित सप्ताह के दौरान सुबह 7 बजे से रात 12:30 बजे के बीच संचालित करने की अनुमति दी जाए। एचआरएडब्ल्यूआई के अध्यक्ष शेरी भाटिया ने कहा-सकारात्मकता दर या ऑक्सीजन या बेड की उपलब्धता की परवाह किए बिना पूरा राज्य लेवल 3 प्रतिबंधों पर काम कर रहा है। होटल या रेस्तरां के लगातार बंद होने के कारण रेस्तरां या होटलों में काम करने वाले बड़ी संख्या में लोग इस सेक्टर से दूर जा रहे हैं या कम वेतन वाली नौकरियों को स्वीकार कर रहे हैं। होटल या रेस्तरां के लिए यह स्थिति बहुत ही खतरनाक है। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि रेस्तरां को शनिवार और रविवार सहित सप्ताह के दौरान सुबह 7 बजे से रात 12:30 बजे तक या उनके लाइसेंस में उल्लिखित समय के अनुसार खुला रहने दें।”
एसोसिएशन ने कहा है कि मापदंडों, शर्तों और प्रतिबंधों में लगातार संशोधन या परिवर्तन अनिश्चितता की स्थिति पैदा कर रही है। रेस्तरां मालिक होटलों को फिर से खोलने या कर्मचारियों को वापस बुलानें को लेकर अनिश्चित हैं। एचआरएडब्ल्यूआई के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट प्रदीप शेट्टी ने कहा,”रेस्तरां सभी अनिवार्य प्रतिबंधों का पालन करते हुए 50 प्रतिशत क्षमता पर काम कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि अपने कार्यकारी समय के दौरान किसी भी समय रेस्तरां में भीड़ नहीं होती है। अब कार्यकारी का समय चाहे सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे के बीच हो या सुबह 7 बजे से रात 12:30 बजे के बीच, रेस्तरां में अपनी आधी क्षमता में ही बैठने की अनुमति है। रेस्तरां के लिए घंटों में वृद्धि का मतलब यह नहीं है कि एक रेस्तरां की क्षमता में वृद्धि होगी। हम सरकार को आश्वस्त करतहैं कि केवल इस समय छूट के कारण, कोविड- 19 मामलों में कोई वृद्धि नहीं होगी। वर्तमान में रेस्तरां केवल सप्ताह के दिनों में आधे दिन के लिए और आधी क्षमता पर काम कर रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से कोई विशेष राहत या प्रोत्साहन नहीं मिलने से उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। यह धारणा बहुत गलत है कि होटल और रेस्तरां में संक्रमण बहुत तेजी से बढता है। सारे प्रोटोकॉल्स और प्रतिबंधों का पालन करते हुए होटल और रेस्तरां संचालन कोविड 19 से सुरक्षित है।
श्री शेट्टी ने आगे कहा महामारी के पहले के दिनों में, एक रेस्तरां के दोपहर के भोजन के कारोबार में पूरे दिन के राजस्व का 15 से 20 प्रतिशत हिस्सा होता था। वीकेंड पर यह लगभग 30 से 35 प्रतिशत तक बढ़ जाता था। लेकिन अब अधिकांश कार्यालय घर से ही कार्य का संचालन कर रहे हैं। ऐसे में दिनभर का कारोबार शून्य के बराबर है और वीकेंड पर हमें खुले रहने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इसलिए हम अनुरोध करते हैं कि इस शर्त को तुरंत हटा दिया जाए और रेस्तरां को उनके लाइसेंस समय के अनुसार और वीकेंड पर भी संचालित करने की अनुमति दी जाए।”“श्री भाटिया ने कहा कि “पिछले 15 महीनों में, विभिन्न कारणों से तालाबंदी के कारण बड़े पैमाने पर वित्तीय नुकसान हुआ है।राज्य में 40 प्रतिशत से अधिक रेस्तरां और होटल स्थायी रूप से बंद हो गए हैं। कब खोलना है, कब बंद करना है, किस दिन खोलना है, कितने कर्मचारियों की आवश्यकता है और किस तरह की इन्वेंट्री को बनाए रखना है, इस पर पूरी तरह से अनिश्चितता है। हम सरकार को आश्वस्त करते हैं कि हम, हमेशा की तरह, सभी लागू प्रतिबंधों को मानतें हुए अपने कस्टमरों के साथ-साथ अपने कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण के लिए अनुमत दिशानिर्देशों के अनुसार ही काम करेंगे।”