केंद्रीय बजट 2022 के बाद अपनी पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ) ने गुरुवार को बताया कि रेपो दर में कोई परिवर्तन किया है। आरबीआई ने रेपो दर 4 प्रतिशत पर बरक़रार रखा है। ऐसा दसवीं बार हो रहा है कि आरबीआई ने ब्याज दर में कोई परिवर्तन नहीं किया है। आरबीआई ने कहा है कि इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में रियल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक गतिविधियों में नुकसान हुआ है। उन्होंने इस दौरान महंगाई पर चिंता जाहिर की लेकिन यह भी कहा कि इसी लिए रेपो रेट और रिवर्स रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति चरम पर है। अगले वित्तीय वर्ष के दूसरे छमाही में नरमी के संकेत दिए। मंहगाई को रोकने के लिए कई प्रभावशाली कदम उठाये गए हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 22 में 5.3 प्रतिशत महंगाई रहने का अनुमान है। जबकि 2023 में यह 4 प्रतिशत रह सकती है।
यह बैठक सोमवार को शुरू होनी थी, लेकिन महान गायिका लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए महाराष्ट्र द्वारा 7 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के मद्देनजर इसे एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था। दिसंबर 2021 में आयोजित अंतिम एमपीसी ने बेंचमार्क ब्याज दर को 4 प्रतिशत पर बरक़रार रखा था।
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