नई दिल्ली। आखिरकार! 70 साल बाद एयर इंडिया की ‘घर वापसी’ हो ही गई। टाटा संस् ने सबसे अधिक बोली लगाकर एयर इंडिया को खरीद लिया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार टाटा संस ने सबसे ज्यादा कीमत लगाकर बोली को अपने नाम कर ली है। रिपोर्ट के अनुसार टाटा को दिसंबर तक एयर इंडिया का मालिकाना हक मिल जाएगा। बताया जा रहा है कि एयर इंडिया के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंत्रियों के एक पैनल ने स्वीकार किया। जिसकी घोषणा जल्द ही सरकार द्वारा किया जाएगा। बता दें कि कुछ दिन पहले ही सरकार ने एयर इंडिया को निजी हाथों में देने के लिए टेंडर आमंत्रित की थी। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
1953 में हुआ था एयरलाइंस का अधिग्रहण: बता दें कि जे आर डी टाटा ने 1932 में टाटा एयर सर्विसेज शुरू की थी, जो बाद में टाटा एयरलाइंस हुई और 29 जुलाई 1946 को यह पब्लिक लिमिटेड कंपनी हो गई थी। 1953 में सरकार ने टाटा एयरलाइंस का अधिग्रहण कर लिया और यह सरकारी कंपनी बन गई। अब एक बार फिर टाटा ग्रुप की टाटा संस ने इस एयरलाइन में दिलचस्पी दिखाई है। अगर इस बात की पुष्टि हो जाती है कि टाटा ने बोली जीत ली है तो करीब 70 साल बाद एक बार फिर एयर इंडिया टाटा ग्रुप के पास आ जाएगी। टाटा संस की ग्रुप में 66 फीसदी हिस्सेदारी है, और ये टाटा समूह की प्रमुख स्टेकहोल्डर है।
विनिवेश का प्रयास रहा असफल: केंद्र सरकार सरकारी स्वामित्व वाली एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है, जिसमें एआई एक्सप्रेस लिमिटेड में एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल हैं। विमानन कंपनी साल 2007 में घरेलू ऑपरेटर इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से घाटे में है। साल 2017 से ही सरकार एयर इंडिया के विनिवेश का प्रयास कर रही है। तब से कई मौके पर प्रयास सफल नहीं हो पाए।
38,366.39 करोड़ का कर्ज: सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस विमान कंपनी पर 38,366.39 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया। सरकार ने साफ शब्दों में कहा कि अगर एयर इंडिया को बेचा नहीं गया तो इसे बंद करना ही एकमात्र विकल्प होगा। आपको बता दें कि एयर इंडिया की कुल फिक्स्ड संपत्ति 45,863.27 करोड़ रुपए की है। बता दे की एयर इंडिया पर भारी कर्ज है। कर्ज में डूबी सार्वजनिक एयर इंडिया एक बार फिर टाटा ग्रुप के हाथों में चली जाएगी। बता दें कि एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की अंतिम तारीख 15 सितम्बर थी,जिसमे टाटा संस भी बोली लगाने वाली कंपनियों में शामिल थी।