सेबी ने फिनफ्लुएंसर अवधूत साठे पर बड़ी कार्रवाई, 546 करोड़ रुपये जब्त

‘शिक्षा के नाम पर सलाह’ देने के आरोप में बाजार से प्रतिबंध। यदि कोई ट्रेनर स्टॉक-विशिष्ट निर्देश देता है, लाइव ट्रेड दिखाता है, प्राइवेट ग्रुप में ट्रेडिंग कॉल देता है तो उसे अनरजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर माना जाएगा

सेबी ने फिनफ्लुएंसर अवधूत साठे पर बड़ी कार्रवाई, 546 करोड़ रुपये जब्त

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भारतीय पूंजी बाज़ार नियामक सेबी ने अब तक की अपनी सबसे कड़ी कार्रवाई करते हुए प्रसिद्ध फिनफ्लुएंसर और Avadhut Sathe Trading Academy (ASTA) के संस्थापक अवधूत साठे को प्रतिभूति बाज़ार से प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही सेबी ने 546 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि को तत्काल प्रभाव से जब्त करने का आदेश दिया है। यह रकम, सेबी के अनुसार, बिना रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी लाइसेंस के रिटेल निवेशकों से गलत तरीके से वसूली गई थी।

यह आदेश 4 दिसंबर को जारी हुआ और फिनफ्लुएंसर इकोसिस्टम को साफ करने की दिशा में सेबी के लिए एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है। कई ऑनलाइन ट्रेनर खुद को शिक्षक बताते हैं, लेकिन वास्तविकता में वे स्टॉक टिप्स, लाइव कॉल और ट्रेडिंग गाइडेंस देकर नियमों का उल्लंघन करते हैं।

सेबी को शिकायतें मिली थीं कि ASTA सिर्फ ‘ट्रेडिंग कोर्स’ नहीं चलाता, बल्कि लाइव मार्केट के दौरान प्रतिभागियों को सीधा खरीद–बिक्री के निर्देश देता है। जांच शुरू होने के बाद सेबी ने वीडियो, व्हाट्सऐप मैसेज, सोशल मीडिया कंटेंट, पेमेंट स्ट्रक्चर और प्रतिभागियों के बयानों की विस्तृत जांच की।

एक उदाहरण में, साठे को लाइव ट्रेडिंग सेशन में Bank Nifty फ्यूचर्स में एक तय कीमत पर एंट्री, स्टॉप-लॉस और टारगेट बताते हुए पाया गया। सेबी के अनुसार, यह शिक्षा नहीं बल्कि प्रत्यक्ष निवेश सलाह है। सेबी ने आदेश में लिखा,“गतिविधियां सामान्य प्रशिक्षण तक सीमित नहीं थीं। वे प्रवेश और निकास बिंदुओं के साथ विशिष्ट सलाह दे रहे थे। यह आचरण शिक्षक का नहीं, निवेश सलाहकार का है।”

जांच में यह भी सामने आया कि ‘काउंसलिंग बैचेज’ और प्राइवेट व्हाट्सऐप ग्रुप एक संरचित सिस्टम थे, जिनमें सैकड़ों प्रतिभागियों को रियल-टाइम निर्देश दिए जाते थे। सेबी के अनुसार, ASTA ने “उच्च-सफलता रणनीतियों” का वादा किया, सिर्फ मुनाफे के स्क्रीनशॉट दिखाए, नुकसान छुपाए, और “जीवन बदलने वाले परिणामों” का दावा किया, जिससे निवेशकों में गैर-यथार्थवादी उम्मीदें बनीं।

सेबी ने कहा कि पहले चेतावनी मिलने के बाद भी साठे ने इन गतिविधियों को बंद नहीं किया, बल्कि और निजी तरीके से जारी रखा। कई कोर्सेज की फीस 6.75 लाख रुपये तक थी, जो सेबी के अनुसार थ्योरी नहीं, रियल-टाइम सलाह के लिए ली गई। सेबी ने इसे शिक्षा के नाम पर चल रही अवैध सलाहकारी गतिविधि बताया और इसी आधार पर 546 करोड़ रुपये की गलत कमाई का हिसाब तय किया।

सेबी ने आदेश दिया कि अवधूत साठे, ASTA और उनकी डायरेक्टर गौरी साठे प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित रहेंगे। वे कोई भी सिक्योरिटी खरीद–बिक्री नहीं कर सकते। लाइव ट्रेडिंग, स्टॉक-स्पेसिफिक सलाह, प्राइवेट ग्रुप कॉल्स सब पर रोक है। उनके बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं जब तक कि 546 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में सेबी के अधीन नहीं रखे जाते। उन्हें सभी वित्तीय रिकॉर्ड, बैंक स्टेटमेंट, एसेट डिटेल, GST रिकॉर्ड और हर ग्राहक की सूची जमा करनी होगी। सेबी ने लिखा, “नोटिसी का आचरण निवेशकों और प्रतिभूति बाजार के लिए गंभीर जोखिम है। आगे नुकसान रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई आवश्यक थी।”

यह मामला देश में किसी फिनफ्लुएंसर से जब्त की गई सबसे बड़ी रकम है और स्पष्ट करता है कि यदि कोई ट्रेनर स्टॉक-विशिष्ट निर्देश देता है, लाइव ट्रेड दिखाता है, प्राइवेट ग्रुप में ट्रेडिंग कॉल देता है तो उसे अनरजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर माना जाएगा और सेबी कड़ी कार्रवाई करेगी।

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