नई दिल्ली। 68 साल बाद एयर इंडिया की ‘घर वापसी’ पर सरकार ने शुक्रवार को मुहर लगा दी। टाटा संस ने एयर एयर इंडिया के लिए 18 करोड़ रुपये की बोली लगाई। जबकि स्पाइसजेट ने 15 हजार करोड़ की बोली लगाई थी। निवेश और सार्वजनिक सम्पत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत ने इस संबंध की जानकारी देते हुए बताया कि दिसंबर तक फंड ट्रांसफर हो जाएगा। उन्होंने बताया कि एयर इंडिया का 1530 करोड़ का कर्ज देने के बाद टाटा ग्रुप 2700 करोड़ सरकार को देगी।
M/s Talace Pvt Ltd emerged as the successful bidder for the sale of equity shareholding of Government of India in @airindiain and AI's shareholding in AIXL and AISATS along with management control – @SecyDIPAM #AirIndia pic.twitter.com/pTSnLMWlbk
— PIB India (@PIB_India) October 8, 2021
टाटा ने 18 हजार करोड़ की बोली लगाई: सरकार एयर इंडिया में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। इस डील में एयर इंडिया की AI Express Ltd में 100 फीसदी हिस्सेदारी और Air India SATS Airport Services में 50 फीसदी हिस्सेदारी भी शामिल है। टाटा संस ने घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के लिए बोली जीत ली है। अब टाटा ग्रुप एयर इंडिया का नया मालिक होगा। एयर इंडिया के लिए टाटा संस ने 18 हजार करोड़ की बोली लगाई, जबकि स्पाइसजेट के अजय सिंह ने 15 हजार करोड़ की बोली लगाई थी। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत ने कहा कि यह ट्रांजैक्शन दिसंबर 2021 तक पूरा हो जाएगा। मालूम हो कि एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (AISAM) पैनल ने एयर इंडिया की वित्तीय बोली पर फैसला लिया है। इस पैनल में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई महत्वपूर्ण मंत्री और अधिकारी शामिल हैं।
रतन टाटा का ट्वीट: एयर इंडिया की दोबारा कमान मिलने पर रतन टाटा ने ट्वीट कर एयर इंडिया का स्वागत किया है। उन्होंने लिखा- वेलकम बैक, एयर इंडिया। इसके साथ ही रतन टाटा ने एक तस्वीर भी शेयर की है।
एयरलाइंस का हुआ था अधिग्रहण: बता दें कि जे आर डी टाटा ने 1932 में टाटा एयर सर्विसेज शुरू की थी, जो बाद में टाटा एयरलाइंस हुई और 29 जुलाई 1946 को यह पब्लिक लिमिटेड कंपनी हो गई थी। 1953 में सरकार ने टाटा एयरलाइंस का अधिग्रहण कर लिया और यह सरकारी कंपनी बन गई।
करोड़ों का कर्ज: सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस विमान कंपनी पर 38,366.39 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया। सरकार ने साफ शब्दों में कहा कि अगर एयर इंडिया को बेचा नहीं गया तो इसे बंद करना ही एकमात्र विकल्प होगा। सरकार ने संसद में बताया में था कि गाइडेंस के आधार पर एयर इंडिया कर्मचारियों के हितों का पूरा खयाल रखा जाएगा. साथ ही, उन्हें भी पूरी तरह सुरक्षित रखा जाएगा. 31 मार्च 2020 तक एयर इंडिया की कुल फिक्स्ड प्रॉपर्टी करीब 45,863.27 करोड़ रुपये है। इसमें एयर इंडिया की जमीन, बिल्डिंग्स, एयरक्राफ्ट फ्लीट और इंजन शामिल हैं।