महाराष्ट्र में देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना का काम तेजी से शुरू हो गया है, इसलिए इस साल के बजट में इसके लिए 19,592 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है| मुंबई-दिल्ली रेलवे को 160 किमी प्रति घंटे तक अपग्रेड करने के लिए 1 हजार 340 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
महाराष्ट्र में जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे तब बुलेट ट्रेन की अनुमति रोक दी गई थी|इस प्रोजेक्ट में कई बाधाएं थीं। सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुलेट ट्रेन परियोजना को प्राथमिकता देते हुए तमाम अनुमतियां दीं. गुजरात में 140 किलोमीटर लंबे बुलेट ट्रेन के पिलर खड़े किए जा चुके हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि गुजरात की तरह महाराष्ट्र में भी बुलेट ट्रेन का काम शुरू किया जाएगा| वह महाराष्ट्र में रेलवे परियोजनाओं के बजटीय वित्त पोषण के बारे में बात कर रहे थे।
महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण ठप होने से गुजरात में बुलेट ट्रेन का काम तेजी से पूरा हुआ। पिछले बजट में बुलेट ट्रेन के लिए 5 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया था| अगस्त 2026 बुलेट ट्रेन के लिए समय सीमा है। बुलेट ट्रेन परियोजना का कुल भूमि अधिग्रहण 98.88 प्रतिशत हुआ है। राज्य में भूमि अधिग्रहण का प्रतिशत 98.79 है। राज्य के मुंबई उपनगर और पालघर जिले में भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है। ठाणे जिले की 136.85 हेक्टेयर भूमि में से 131.96 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है।
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (NHSRC) ने बताया कि दादरा और नगर हवेली में परियोजना की भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है और गुजरात में 98.91 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। देश की पहली अंडर बे बुलेट ट्रेन राज्य से होकर गुजरेगी।
इन कार्यों के साथ ही सबवे बुलेट लाइन के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स से शिलफाटा फेज के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। मुंबई के बीकेसी में बुलेट ट्रेन के टर्मिनल में तीन मंजिला सबवे बनने जा रहा है। इसके साथ ही राज्य में बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए कार शेड भी बनाया जाएगा|
देश की राजधानी में रेल दूरी को कम करने के लिए ‘मिशन ऑनलाइन’ के तहत मुंबई-दिल्ली रेलवे को 160 किमी प्रति घंटे की गति से अपग्रेड करने का काम चल रहा है। इसके लिए कुल 51 टेंडर बुलाए जाएंगे। इनमें से अधिकतर की टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और कुछ जगहों पर अपग्रेडेशन का काम चल रहा है।
पश्चिम रेलवे पर इस प्रमुख रेलवे लाइन के लिए इस वर्ष 1340 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद मुंबई से दिल्ली की दूरी करीब 12 घंटे में कम हो सकेगी।