फिल्म निर्देशक विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट को 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के एक मामले में अदालत द्वारा अंतरिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उदयपुर की एक अदालत ने मेडिकल आधार पर दायर उनकी जमानत याचिका को नामंजूर करते हुए दोनों को उदयपुर सेंट्रल जेल भेजने का आदेश दिया।
मामले की सुनवाई के दौरान भट्ट दंपति की ओर से मेडिकल ग्राउंड्स पर अंतरिम जमानत की मांग की गई थी। इस संबंध में उनके वकील मंज़ूर हुसैन ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा था, “आरोपियों के वकील ने अंतरिम जमानत के लिए एक आवेदन पेश किया है, जिसमें अनुरोध किया गया है कि मेडिकल आधार पर जमानत दी जाए। यदि अदालत की कार्यवाही समाप्त होने से पहले अंतरिम जमानत दी जाती है, तो दोनों व्यक्तियों को इलाज के लिए थोड़े समय के लिए रिहा किया जा सकता है। सब कुछ अदालत के आदेश पर निर्भर करता है।” हालांकि, अदालत ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया और याचिका खारिज कर दी।
विक्रम भट्ट और श्वेतांबरी भट्ट को इससे पहले राजस्थान पुलिस ने 7 दिसंबर को मुंबई से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद दोनों को पुलिस हिरासत में रखा गया था और 9 दिसंबर से सात दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा गया था। रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद दोनों को उदयपुर की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
यह मामला इंदिरा आईवीएफ के संस्थापक डॉ. अजय मुरडिया द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत से जुड़ा है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि विक्रम भट्ट, उनकी पत्नी और अन्य आरोपियों ने मिलकर कई फिल्मों के निर्माण, जिनमें एक प्रस्तावित बायोपिक भी शामिल थी, के नाम पर लगभग 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। शिकायत के अनुसार, बड़ी फिल्मों और भारी मुनाफे के वादों के साथ धन जुटाया गया, लेकिन कथित समझौतों और प्रोडक्शन योजनाओं को पूरा नहीं किया गया।
विक्रम भट्ट ने इन आरोपों को सार्वजनिक रूप से खारिज करते हुए एफआईआर को “भ्रामक” बताया है। उन्होंने कहा है कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे और किसी भी अधूरे प्रोजेक्ट को लेकर यदि कोई समस्या रही, तो वह गलतफहमी या शिकायतकर्ता द्वारा काम रोके जाने के कारण हुई। भट्ट का यह भी दावा है कि उनके पास अपने पक्ष के समर्थन में आवश्यक दस्तावेज मौजूद हैं।
इस मामले में अब तक भट्ट दंपति समेत कुल आठ लोगों के खिलाफ आरोप दर्ज किए जा चुके हैं और जांच एजेंसियों द्वारा आगे की जांच जारी है। अदालत द्वारा न्यायिक हिरासत में भेजे जाने को इस हाई-प्रोफाइल मामले में एक अहम घटनाक्रम माना जा रहा है, जिस पर फिल्म इंडस्ट्री और कारोबारी जगत दोनों की नजर बनी हुई है।
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