इस साल के बजट के बाद आम लोगों ने इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को लेकर राहत न मिलनें पर नाराजगी जताई थी। वहीं इंश्योरेंस पर लगने वाले टैक्स को लेकर वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की बैठक से सकारात्मक निर्णय आने की उम्मीद है।
देश के टैक्स सिस्टम में बदलाव करते हुए मोदी सरकार ने वर्ष 2017 में अप्रत्यक्ष कर GST की गणना की, जिससे की विभिन्न प्रकार के टैक्स को ख़ारिज कर केवल GST सिस्टम बनाया गया। दरम्यान इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 15 प्रतिशत जीएसटी हुआ करता था, जो GST आने के बाद बढ़कर 18 प्रतिशत हुआ। आप को बता दें, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी इंश्योरेंस ग्राहकों की सहूलियत की मांग की थी।
फिटमेंट कमिटी का मानना है की प्रीमियम पर टैक्स कटौती से राजस्व पर भार निर्माण हो सकता है। फिर भी इंश्योरेंस कंपनियों की तरफ से ग्राहकों को सहूलियत देने वाली पॉलिसी के बाद टैक्स में राहत दी जा सकती है ऐसा कमिटी का सुझाव है।
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अगली वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की बैठक 9 सितंबर को है, जिसमें लोगों को इन्शुरन्स प्रीमियम पर टैक्स में राहत पर चर्चा होनी है। फिटमेंट कमिटी ग्राहकों को टैक्स में पूरी राहत देने के पक्ष में नहीं है, उन्होंने काउंसिल को इस बात पर सुझाव भी दिए है लेकीन काउंसिल का निर्णय भी अंतिम है इस के कारण ‘इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स का निर्णय कैसा होगा?’ इस पर वेट एंड वाच का गेम चल रहा है।