नई दिल्ली। इस साल के अंत तक भारत अपनी डिजिटल करेंसी का मॉडल ऑफ़ ऑपरेशन ला सकता है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबि शंकर ने शुक्रवार को बताया कि आरबीआई व्यवस्थित डिजिटल करेंसी की संभावनाओं को खंगाल रहा है और साल के अंत तक पेश किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसके तमाम पहलुओं पर गौर किया जा रहा जैसे स्कोप, वितरण और टेक्नोलॉजी आदि मुद्दों पर काम किया जा रहा है।
पायलट प्रोजेक्ट पर काम जारी: बता दें कि 22 जुलाई को उन्होंने कहा था कि भारत भी चरणवार तरीके से डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने के बारे में सोच रहा है। उन्होंने कहा कि वक्त आ गया है जब डिजिटल करेंसी को नकारा नहीं जा सकता है। चीन सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। वहीं, बैंक ऑफ इंग्लैंड और अमेरिकी फेडरल रिजर्व भी इस दिशा में काम कर रहा है।
बिटकॉइन और इथीरियम की लोकप्रियता ने खींचा ध्यान: मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक का CBDC कब लॉन्च होगा, इसकी तारीख के बारे में बताना तो मुश्किल होगा, लेकिन बहुत जल्द हम एक मॉडल पर फैसला जरूर लेंगे। इस साल के अंत तक यह साफ हो जाएगा कि सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी किस तरह काम करेगी। उसका मॉडल किस तरह का होगा।
शंकर ने कहा कि डिजिटल करेंसी पर कई सालों से काम चल रहा है। हालांकि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन और इथीरियम की बढ़ती लोकप्रियता ने उसकी तरफ ध्यान आकर्षित किया है। ये तमाम क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं। आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सेंट्रल बैंक की चिंता प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के साथ जारी है।
शंकर ने कहा कि डिजिटल करेंसी पर कई सालों से काम चल रहा है। हालांकि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन और इथीरियम की बढ़ती लोकप्रियता ने उसकी तरफ ध्यान आकर्षित किया है। ये तमाम क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं। आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सेंट्रल बैंक की चिंता प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के साथ जारी है।