आयकर विभाग ने निजी क्षेत्र के यस बैंक को 2,209.17 करोड़ रुपये का टैक्स डिमांड नोटिस जारी किया है। यह नोटिस 28 मार्च को जारी किए गए पुनर्मूल्यांकन आदेश के तहत आया है, जिसमें ब्याज राशि भी शामिल है। बैंक ने इस बारे में शेयर बाजार को सूचना देते हुए कहा कि वह इस आदेश के खिलाफ अपील करने की तैयारी कर रहा है।
यस बैंक ने बताया कि उसे पहली बार यह कर संबंधित नोटिस 30 सितंबर 2021 को आकलन वर्ष 2019-20 के लिए मिला था। यह नोटिस उस समय जारी किया गया था जब बैंक ने अपने पहले से दाखिल किए गए आयकर रिटर्न के अनुरूप टैक्स रिफंड प्राप्त किया था। हालांकि, अप्रैल 2023 में आयकर विभाग ने इस मामले को दोबारा खोला और अब यह बड़ा कर मांग नोटिस जारी किया है।
बैंक ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि मूल आकलन आदेश में बैंक की कुल आय में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए था और इस आधार पर, उसके खिलाफ किसी भी प्रकार की कर मांग नहीं उठाई जानी चाहिए थी। बैंक को उम्मीद है कि उसके पास इस मामले में अपनी स्थिति सही साबित करने के लिए पर्याप्त आधार हैं और उसे अपने व्यवसाय पर किसी भी प्रतिकूल प्रभाव की आशंका नहीं है।
यस बैंक ने आगे कहा कि वह लागू कानूनी प्रक्रिया के तहत इस आदेश के खिलाफ अपील करेगा। शेयर बाजार में यस बैंक के प्रदर्शन की बात करें तो शुक्रवार को उसका शेयर 16.88 रुपये पर बंद हुआ था। बीते एक साल में यस बैंक के शेयरों में 27.24 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
हालांकि, बैंक के वित्तीय नतीजे सकारात्मक रहे हैं। वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में बैंक का मुनाफा तीन गुना बढ़कर 612 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 231 करोड़ रुपये था। इसी अवधि में बैंक की ब्याज से होने वाली आय भी बढ़कर 7,829 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल 6,984 करोड़ रुपये थी। कुल आय में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 9,341 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
अब यह देखना होगा कि बैंक की अपील पर आयकर विभाग की क्या प्रतिक्रिया होती है और यह मामला आगे कैसे बढ़ता है।
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