छत्तीसगढ़ के दक्षिणी बस्तर इलाके में गुरुवार (16 जनवरी) को जारी मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे जाने की खबर सामने आयी है। क्षेत्र के घने जंगली इलाकों में चलाया गया यह अभियान वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक बड़ी सफलता है।
सुबह करीब 9 बजे शुरू हुई यह मुठभेड़ उस समय हुई जब सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम ने क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान चलाया। इस अभियान में तीन जिलों के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), सीआरपीएफ की जंगल वारफेर यूनिट की पांच बटालियन, कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 229वीं बटालियन के जवान शामिल थे।
इससे पहले बीजापुर जिले में हुए आईईडी विस्फोट में दो जवान घायल हुए थे। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलियों ने हर जगह इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) लगा रखे हैं और बीजापुर नक्सली हमले को कायरतापूर्ण कृत्य बताया।
बीजापुर में हुए आईईडी विस्फोट पर शर्मा ने मीडिया से कहा था, “यह नक्सलियों की कायराना हरकत है। उन्होंने जगह-जगह आईईडी लगा रखे हैं। इसमें सुरक्षाकर्मी, नागरिक और जानवर भी मारे जा रहे हैं। कल आईईडी की चपेट में 2 सुरक्षाकर्मी आ गए…दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और दोनों सुरक्षित हैं।”
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बता दें की, 12 जनवरी को बीजापुर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो महिलाओं समेत पांच नक्सली मारे गए थे। 6 जनवरी को बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में पुलिस वाहन पर माओवादियों द्वारा किए गए एक बड़े आईईडी विस्फोट में आठ सुरक्षाकर्मी और एक वाहन चालक की मौत हो गई थी। जवानों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक भारत से नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प लिया और कहा कि “हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।”
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