3 रोहिंग्या गिरफ्तार।

भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा गठित एक समिति की अध्यक्षता करने के लिए रवि गांधी की नियुक्ति की गई है।

3 Rohingya arrested.

शुक्रवार (16 अगस्त) त्रिपुरा के अगरतला रेलवे स्थानक पर 3 रोहिंग्या मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया है। सरकारी रेलवे पुलिस द्वारा की गई इस कारवाई में 2 महिला और 1 पुरुष रोहिंग्या मुस्लिम अवैध घुसपैठ कर भारत में वास्तव्य बनाने की कोशिश में थे। इन तीनों ने बांग्लादेश सीमा से भारत में घुसपैठ करने की बात की जा रही है। पुलिस अधिकारीयों के अनुसार तीनों घुसपैठ असल में म्यांमार के नागरिक है।

त्रिपुरा की सरकारी रेलवे पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन महीनों में 250 से अधिक बांग्लादेशी मुस्लिम और 35 रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठ के दौरान सीमा सुरक्षा बल, रेलवे पुलिस, और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पकडे गए है। दौरान, सीमा सुरक्षा दल के ईस्टर्न कमांड के एडीजी रवि गांधी ने कहा है, बीएसएफ देश की सेवा और सुरक्षितता के लिए वचनबद्ध है।

कहा जा रहा है, तीनों घुसपैठों की उम्र 19 से 27 वर्ष के बीच है। साथ ही भारत के मुख्या शहरों में घुस कर अपनी आर्थिक स्थिती को सुधरने के लक्ष्य में इन्होने घुसपैठ की थी। आपको बता दें, 2017 से बांग्लादेश के कॉक्स बाजार इलाके में 10 लाख से अधिक विस्थापित रोहिंग्या मुस्लिम रह रहें है। अपनी आर्थिक स्थिती को बदलने के हेतु से बांग्लादेश के रेफ्यूजी कैम्प से रोहिंग्या मुस्लिम लगातार भारत में घुसने की कोशिश करते है। भारत में बैठे दलालों और संबंधियों की मदद से जरुरी दस्तावेज बनाने के वाकिए भी सामने आएं है।

बांग्लादेश से लगातार हो रहीं घुसपैठ और राजकीय अस्थिरता की स्थिती के चलते एडीजी रवि गांधी ने गुवाहाटी की सिमावर्ती क्षेत्र में भेट दी। इस भेंट के दौरान एडीजी रवि गाँधी ने डोमिनेंट एरिया का मूल्यांकन करने के साथ ही भविष्य में सीमा क्षेत्र में संभावित चुनौतियों का भी मूल्यांकन किया है।

भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा गठित एक समिति की अध्यक्षता करने के लिए रवि गांधी की नियुक्ति की गई है। जिसके चलते उन्होंने अधिकारियों समेत बैठक में सीमा पर परिचालन तैयारियों और मौजूदा सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा की, इस बैठक में किसी भी प्रकार की घुसपैठ को रोकने और सीमा पार अपराध को नियंत्रित करने, सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की नीतियों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया।

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