नई दिल्ली। कोरोना काल में बच्चों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। लगभग हर राज्यों में कोरोना के दूसरी लहर से बचाने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं। बावजूद इसके लोग इसकी अनदेखी कर रहे हैं। गुजरात में ऐसा ही कुछ सामने आया है। गुजरात में प्रतिबंध लागू किया गया, पर प्रतिबंध को ताक पर रखकर कोचिंग सेंटर चलाया जा रहा था, जिसमें 555 बच्चे थे। यहां कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए इसके मालिक को गिरफ्तार किया है और बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया।
पुलिस के अनुसार यह छापामारी गुप्त सूचना के आधार पर की गई है। जिसमें 555 बच्चे मिले ,जिनकी उम्र 9-10 साल की है। जो कोरोना नियमों का पालन नहीं करा रहे थे। न मास्क और न ही का पालन कर रहे थे। वहीं कोचिंग सेंटर मालिक का कहना है कि यहां जो भी बच्चे मिले हैं वे अपने माता-पिता की सहमति से रह रहे हैं। इन बच्चों के माता-पिता खुद उन्हें हॉस्टल में रखना चाहते हैं।
गुजरात पुलिस ने रविवार को यह कार्रवाई की। राजकोट के पुलिस अधीक्षक बलराम मीणा ने बताया कि यहां से करीब 215 किलोमीटर दूर स्थित केंद्र पर रविवार को छापेमारी की गई और इसके मालिक की पहचान 39 वर्षीय जयसुख सांखलवा के रूप में हुई।
उन्होंने कहा, “आरोपी को आईपीसी और महामारी रोग अधिनियम के प्रावधानों के तहत कोविड -19 मानदंडों पर पुलिस अधिसूचना की अवहेलना करने के साथ-साथ लापरवाही से काम करने के लिए गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, संखलवा जवाहर नवोदय विद्यालय और बालाचडी सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को पढ़ाने के लिए एक कोचिंग सेंटर-हॉस्टल चलाता है।
कोविड -19 के प्रकोप के कारण राज्य सरकार ने क्लासेज लेने और बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है, इसके बावजूद कोचिंग सेंटर काम कर रहा था। गिरफ्तारी से पहले संखलवा ने कहा कि छात्र 15 मई से माता-पिता की सहमति से उसके हॉस्टल में रह रहे हैं।
उसने दावा किया, “उनमें से ज्यादातर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले हैं, जो स्थगित हो गई। इन बच्चों के माता-पिता ने मुझे उन्हें घर भेजने के बजाय हॉस्टल में रखने के लिए कहा था।