कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव को सोना तस्करी मामले में बड़ा झटका लगा है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शनिवार को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही, दूसरे आरोपी तरुण राजू को भी जमानत देने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति सावनूर विश्वजीत शेट्टी की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस संबंध में आदेश पारित किया।
यह कोई पहला मौका नहीं है जब रान्या राव की जमानत याचिका खारिज की गई हो। इससे पहले भी उनकी जमानत याचिका दो बार खारिज हो चुकी है। इस मामले में रान्या राव के खिलाफ विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम, 1974 (सीओएफईपीओएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस अधिनियम के तहत केंद्र या राज्य सरकार किसी आरोपी को अधिकतम एक साल तक हिरासत में रख सकती है।
केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (सीईआईबी), जो वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाली प्रमुख एजेंसी है, ने रान्या राव और अन्य आरोपियों के खिलाफ सीओएफईपीओएसए अधिनियम लागू किया। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय एजेंसियों ने यह कदम रान्या राव और अन्य आरोपियों द्वारा जमानत प्राप्त करने के कई प्रयासों के बाद उठाया है। अन्य आरोपी तरुण राजू और साहिल सकारिया जैन पर भी सीओएफईपीओएसए अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
रान्या राव, जो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रामचंद्र राव की सौतेली बेटी हैं, को 3 मार्च को 14.2 किलोग्राम सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस सोने की कीमत 12.56 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। रान्या राव और अन्य दो आरोपी फिलहाल बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद हैं। मामले की जांच डीआरआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है।
राज्य सरकार ने इस मामले में डीजीपी रामचंद्र राव की भूमिका की जांच के लिए एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम बनाई है, और इस संबंध में रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है। जांच के दौरान यह भी पता चला है कि रान्या राव ने मामले के तीसरे आरोपी जैन के साथ मिलकर हवाला लेनदेन किया था। डीआरआई की जांच से यह खुलासा हुआ है कि जैन की मदद से रान्या राव ने 49.6 किलोग्राम सोने की तस्करी की और 38.4 करोड़ रुपये के हवाला धन को दुबई में स्थानांतरित किया।
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