उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में शुक्रवार(11 अप्रैल) को जुमे की नमाज से ठीक पहले जामा मस्जिद के भीतर प्रतिबंधित पशु का कटा सिर फेंककर साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने की साजिश रची गई। चौंकाने वाली बात यह है कि सीसीटीवी फुटेज में आरोपी की पहचान नजीरुद्दीन के रूप में हुई है, जो खुद मुस्लिम समुदाय से है। मामले ने न केवल स्थानीय लोगों को स्तब्ध किया, बल्कि शहरभर में तनाव फैला दिया।
सुबह की नमाज के दौरान मस्जिद में जब नमाजियों ने पशु का कटा सिर देखा तो तुरंत पुलिस को सूचित किया गया। मौके पर डीसीपी सिटी सोनम कुमार पुलिस बल के साथ पहुंचीं और तत्काल जांच शुरू कर दी गई। सीसीटीवी फुटेज में आरोपी को एक बैग लेकर मस्जिद में घुसते और कुछ देर बाद खाली हाथ बाहर निकलते देखा गया।
घटना के बाद जुमे की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से अदा की गई, लेकिन नमाज खत्म होते ही बड़ी संख्या में लोग मस्जिद के बाहर जमा हो गए और “आरोपी को फांसी दो” के नारे लगाते हुए प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन जब हालात बेकाबू होने लगे तो हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया गया।
डीसीपी सोनम कुमार ने मीडिया को बताया, “जामा मस्जिद पर नमाज के बाद कुछ युवाओं ने हंगामा किया था। उनकी मांग थी कि आरोपी को तत्काल फांसी की सजा दी जाए। प्रदर्शन कर रहे युवाओं को समझाया गया कि आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है और उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने आगे कहा कि स्थिति सामान्य है और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्षेत्र में पैदल मार्च किया गया है।
स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर नाराज़गी है कि शुक्रवार जैसे संवेदनशील दिन को चुनकर इस तरह की साजिश रची गई। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि नजीरुद्दीन के पीछे किसी संगठन या बड़े नेटवर्क का हाथ है या नहीं। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों से बचने और शांति बनाए रखने की अपील की है। पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है और अन्य संवेदनशील स्थानों की निगरानी भी बढ़ा दी गई है।
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