अल फलाह यूनिवर्सिटी मामला: खींच गई जावेद अहमद सिद्दीकी की ज्यूडिशियल कस्टडी

अल फलाह यूनिवर्सिटी मामला: खींच गई जावेद अहमद सिद्दीकी की ज्यूडिशियल कस्टडी

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साकेत कोर्ट ने दिल्ली ब्लास्ट केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) केस में अल फलाह यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर जावेद अहमद सिद्दीकी की ज्यूडिशियल कस्टडी 20 दिसंबर तक बढ़ा दी है।  केस की गंभीरता और जांच की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिया है। जावेद अहमद सिद्दीकी अभी ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं और एनफोर्समेंट एजेंसियां ​​उनके फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन की जांच कर रही हैं।

साकेत कोर्ट में सुनवाई में जांच एजेंसी ने कस्टडी बढ़ाने की मांग की, जिसे कोर्ट ने मान लिया। कोर्ट ने साफ किया कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है और आरोपों की प्रकृति को देखते हुए ज्यूडिशियल कस्टडी बढ़ाने की जरूरत है। इससे पहले 12 दिसंबर को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने इस केस के चार आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया था। इनमें डॉ. मुजम्मिल, डॉ. शाहीन सईद, मुफ्ती इरफान अहमद और आदिल अहमद शामिल थे। उनकी पिछली कस्टडी अवधि पूरी होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने सुनवाई के बाद चारों आरोपियों को 12 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी दी थी।

NIA ने कोर्ट को बताया कि आरोपी डॉ. मुजम्मिल, डॉ. उमर नबी, आदिल अहमद, डॉ. शाहीन सईद, मुफ्ती इरफान और इरफान अहमद की एक बड़ी साज़िश थी। एजेंसी के मुताबिक, इस मॉड्यूल का मकसद दिल्ली राजधानी में बड़े पैमाने पर अशांति फैलाना और सेंसिटिव इलाकों को टारगेट करना था। जांच में यह भी पता चला कि डॉ. उमर नबी कार बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी था। NIA कस्टडी पूरी होने के बाद चारों मुख्य आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। एजेंसी ने उनके खिलाफ इकट्ठा किए गए प्राइमा फेसी सबूतों के आधार पर ज्यूडिशियल कस्टडी बढ़ाने की मांग की, जिसे कोर्ट ने मान लिया।

गौरतलब है कि 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए बड़े ब्लास्ट ने पूरे देश में दहशत फैला दी थी। शाम करीब 6:52 बजे एक हाई ट्रैफिक सिग्नल पर खड़ी सफेद हुंडई i20 कार में एक ज़बरदस्त ब्लास्ट हुआ था। इस हमले में 12 लोग मारे गए और कई घायल हुए थे। जांच एजेंसियां ​​इस साजिश से जुड़े हर पहलू की अच्छी तरह जांच कर रही हैं।

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