उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी और माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात प्रयागराज में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। इस दोहरे हत्याकांड को अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी ने अंजाम दिया। तीनों पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जिससे अतीक और अशरफ दोनों की मौके पर मौत हो गई।
आज सुबह तीनों आरोपियों को प्रतापगढ़ की जेल से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रयागराज के सीजेएम कोर्ट लाया गया। अतीक अहमद के कातिलों की पुलिस रिमांड सीजेएम कोर्ट ने मंजूर कर ली है। वहीं कोर्ट की तरफ से भी तीनों शूटर्स के पुलिस रिमांड को मंजूरी मिल गई है। तीनों आरोपियों लवलेश, अरुण और सनी को पुलिस रिमांड मिल गई है। पुलिस अब तीनों आरोपियों से अतीक और अशरफ की हत्या के मामले में पूछताछ करेगी। पूछताछ में इस हत्याकांड के राज से पर्दा उठने के आसार हैं। इन तीनों आरोपियों से पूछताछ में इस हत्याकांड की सच्चाई सामने आ सकती है कि अखिर कौन लोग इसके पीछे हैं और उनकी मंशा क्या रही।
सूत्रों के मुताबिक कोर्ट में तीनों आरोपियों पर हमला करने का इंटेलिजेंस इनपुट मिला हैं। इसलिए आरएएफ, पीएसी को मुस्तैदी के साथ तैनात किया गया था। वहीं अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस हिरासत में हुई हत्या के बाद प्रशासन किसी भी तरह का जोखिम मोल नहीं लेना चाहता था। वहीं अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्या की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) जल्द ही अपनी चल रही जांच के तहत क्राइम सीन को रीक्रिएट करेगा।
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