26 सितंबर को उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई हिंसा के मामले में जांच के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ है। बरेली पुलिस ने उस मूल फर्जी पत्र को बरामद कर लिया है, जिसके जरिए प्रशासन और पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की गई थी और जिसके बाद हालात हिंसक रूप ले बैठे। यह पत्र हिंसा के कथित मास्टरमाइंड नदीम खान के घर पर की गई तलाशी के दौरान बरामद हुआ।
पुलिस के अनुसार, यह फर्जी पत्र नदीम खान और उसके सहयोगी नफीस द्वारा तैयार किया गया था, जिसमें लियाकत नामक व्यक्ति के हस्ताक्षर जाली रूप से किए गए थे। पत्र में यह झूठा दावा किया गया था कि इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रज़ा ने बरेली के इस्लामिया ग्राउंड में प्रस्तावित सभा को वापस ले लिया है और मुसलमानों से वहां इकट्ठा न होने की अपील की गई थी। पत्र पर नदीम खान के हस्ताक्षर भी मौजूद थे।
पुलिस जांच में सामने आया है कि इस पत्र का उद्देश्य प्रशासन को यह विश्वास दिलाना था कि कोई बड़ा जमावड़ा नहीं होगा, जबकि इसके समानांतर नदीम खान ने सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप ग्रुप्स के जरिए बिल्कुल विपरीत संदेश फैलाए। पूछताछ के दौरान नदीम ने पुलिस को बताया कि उसने जानबूझकर उस अपील पर हस्ताक्षर किए ताकि पुलिस को भ्रमित किया जा सके।
पुलिस के मुताबिक, फर्जी पत्र जारी करने के बाद नदीम ने कई व्हाट्सऐप ग्रुप्स में संदेश भेजे, जिनमें उसने उस पत्र और हस्ताक्षर को “फर्जी” बताते हुए मुसलमानों से अपील की कि वे 26 सितंबर को जुमे की नमाज़ के बाद बड़ी संख्या में इस्लामिया ग्राउंड पहुंचें और ‘आई लव मुहम्मद’ के नाम पर प्रदर्शन करें। इन्हीं संदेशों के जरिए भीड़ को संगठित किया गया।
26 सितंबर को बरेली में जुमे की नमाज़ के बाद एक पूर्व-नियोजित हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला, जब मुस्लिम भीड़ ने पुलिस के साथ झड़प की। स्थानीय प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस्लामिया ग्राउंड में प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे और हालात बेकाबू हो गए।
हिंसा के बाद पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए नदीम खान सहित 72 अन्य आरोपियों को 30 सितंबर को गिरफ्तार किया था। इस मामले में IMC प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा को भी गिरफ्तार किया गया, जिन पर मुसलमानों को प्रदर्शन के लिए उकसाने का आरोप है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बरामद किया गया फर्जी पत्र इस बात का ठोस सबूत है कि हिंसा अचानक नहीं, बल्कि सुनियोजित तरीके से भड़काई गई थी। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की कड़ियों को जोड़ते हुए आगे की जांच कर रही है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
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