पटना के एक निजी अस्पताल में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या में शामिल दो संदिग्ध बदमाशों को पुलिस ने मुठभेड़ में घायल कर गिरफ्तार कर लिया है। यह मुठभेड़ मंगलवार (22 जुलाई) सुबह करीब 6 बजे आरा जिले के बिहिया-कटैया मार्ग पर एक नदी के किनारे हुई। यह कार्रवाई बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और स्थानीय पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन के तहत हुई।
घायलों की पहचान बलवंत और रविरंजन के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक, दोनों 17 जुलाई को पटना के एक अस्पताल में हुई चंदन मिश्रा की हत्या में सीधे तौर पर शामिल थे। बलवंत बक्सर का निवासी है और अस्पताल में हुई गोलीबारी में उसकी भूमिका प्रमुख रही, जबकि रविरंजन आरा जिले के बिहिया का रहने वाला है।
मुठभेड़ के दौरान बलवंत को हाथ और पैरों में गोलियां लगीं, वहीं रविरंजन की जांघ में गोली लगी। दोनों को पहले बिहिया अस्पताल ले जाया गया और फिर कड़ी सुरक्षा में बेहतर इलाज के लिए आरा रेफर कर दिया गया। पुलिस ने एक तीसरे अपराधी अभिषेक कुमार को भी गिरफ्तार किया है।
चंदन मिश्रा, जो बक्सर जिले का निवासी था, बेउर जेल में सजा काट रहा था और इलाज के लिए अस्पताल आया था, जब पांच हथियारबंद हमलावरों ने ICU में घुसकर उसे बेहद नजदीक से गोली मार दी। यह पूरी घटना अस्पताल के CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हुई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
इससे पहले, बिहार पुलिस ने कोलकाता पुलिस की STF के साथ मिलकर इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी तौसीफ उर्फ बादशाह, उसके चचेरे भाई निशू खान और दो अन्य सहयोगियों हर्ष और भीम को कोलकाता से गिरफ्तार किया था। तौसीफ को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है, जबकि बाकी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
पटना के SSP कार्तिकेय के. शर्मा ने बताया कि तौसीफ और निशू पर पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें Arms Act और NDPS एक्ट के तहत केस शामिल हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, CCTV फुटेज में नजर आ रहे अन्य चार शूटरों की पहचान कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि चंदन मिश्रा की हत्या की साजिश तौसीफ के चचेरे भाई निशू खान के समनपुरा स्थित घर में रची गई थी। हालांकि, निशू ने इस आरोप से इनकार किया है और कहा कि उसके घर पर ऐसी कोई मीटिंग नहीं हुई।
इस घटना के बाद बड़ी लापरवाही सामने आने पर शास्त्री नगर थाने में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर, दो ASI और दो कांस्टेबलों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। पटना (सेंट्रल) की एसपी दीक्षा ने पुष्टि की कि इन पुलिसकर्मियों को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के कारण सस्पेंड किया गया है।
यह भी पढ़ें:
महिंद्रा लॉजिस्टिक्स का घाटा पहली तिमाही में बढ़कर 9.44 करोड़ रुपए रहा!
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफे में संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का क्यों किया उल्लेख ?
बिहार में मतदाता सूची से नाम कटना नागरिकता समाप्ति नहीं: चुनाव आयोग



