कोरोना का खौफ: जज बेटे ने पिता का नहीं लिया,शव फिर किसने कराया दाह-संस्कार?

कोरोना का खौफ: जज बेटे ने पिता का नहीं लिया,शव फिर किसने कराया दाह-संस्कार?

file photo

सीवान। डायट परिसर में चल रहे डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में शुक्रवार की रात एडीजे-छह जीवन लाल के 70 वर्षीय पिता ब्रह्मदेव की मौत हो गयी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जज साहब ने कहा कि डेड बॉडी हम अपने यहां नहीं लायेंगे. पूरा परिवार संक्रमित हो जायेगा. आप अपने स्तर से दाह-संस्कार करा दीजिए.

करीब 20 घंटे से अधिक समय तक डेड बॉडी अस्पताल में ही पड़ी रही. बाद में जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद जज साहब ने अधिवक्ता गणेश राम को पत्र देकर दाह-संस्कार के लिए अधिकृत किया. एसडीओ रामबाबू प्रसाद, नोडल पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह व प्रभारी सीएस डॉ एमआर रंजन की उपस्थिति में शव को दिया गया.

डॉ एमआर रंजन ने बताया कि जज साहब ने मुझे प्रेषित पत्र में अधिवक्ता गणेश राम को डेड बॉडी देने की बात लिखी थी. जिला प्रशासन ने समाजसेवी श्रीनिवास यादव के सहयोग से कंधवारा दहा नदी के तट पर जज साहब के पिताजी का अंतिम संस्कार करवाया. गौरतलब है कि तीन दिन पहले जज साहब के पिताजी का ऑक्सीजन लेबल कम होने पर डीसीएचसी में भर्ती किया गया था.

सिविल सर्जन ने कहा कि जज साहब को डेड बॉडी ले जाने के लिए कई बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने एक वकील के माध्यम से शव के दाह संस्कार की अनुमति दी।vid

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