क्रिकेट सट्टेबाज जालान ने ‘PSPS’ को लेकर किया बड़ा खुलासा,जाने क्या है ‘PSPS’

क्रिकेट सट्टेबाज जालान ने ‘PSPS’ को लेकर किया बड़ा खुलासा,जाने क्या है ‘PSPS’
परमबीर सिंह (PARAMBIR SINGH) पर क्रिकेट सट्टेबाज ने लगाया बड़ा आरोप,कहा प्रदीप शर्मा (PRDIP SHARAMA) को एक गिरफ्तारी से बचने के लिए देने को कहा था 10 करोड़।  
मुंबई। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह पर क्रिकेट सट्टेबाज सोनू जालान ने आरोप लगाया है कि परमबीर सिंह ने उसे एक गिरफ्तारी से बचाने के लिए पूर्व पुलिस निरीक्षक प्रदीप शर्मा को 10 करोड़ रुपये देने के लिए कहा था। यह बयान जालान ने अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के समक्ष दर्ज कराया है। हालांकि इस मामले में परमबीर सिंह और शर्मा दोनों की ही प्रतिक्रिया नहीं आई है।
महाराष्ट्र पुलिस की सीआईडी जालान द्वारा आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह, शर्मा और निरीक्षक राजकुमार एवं अन्य के खिलाफ लगाए गए वसूली के आरोपों की जांच कर रही है। अपने बयान में जालान ने सीआईडी अधिकारियों को बताया कि मई 2018 में सट्टेबाजी के एक मामले में ठाणे पुलिस की ‘रंगदारी निरोधी प्रकोष्ठ’ द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे ठाणे के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के पास ले जाया गया था।
जालान ने दावा किया कि सिंह ने उससे भारत में सक्रिय क्रिकेट सटोरियों की जानकारी मांगी और उसे परिवार के सदस्यों समेत एक ”बड़े मामले” में गिरफ्तार करने की धमकी दी। बयान में जालान ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उससे 10 करोड़ रुपये प्रदीप शर्मा को देने को कहा गया।इससे पहले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह, पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा और इंस्पेक्टर राजकुमार कोठमायर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में उगाही और भ्रष्टाचार के आरोप में शिकायत दर्ज कराई गई है। एक अधिकारी ने बताया कि विरार के बिल्डर मयूरेश राउत ने बुधवार को एसीबी के महानिदेशक के पास शिकायत दर्ज कराई थी।
 शिकायतकर्ता ने सिंह के ठाणे के पुलिस आयुक्त रहने के दौरान इन अधिकारियों पर उनसे पैसे, कार, संपत्ति और दस्तावेजों की उगाही करने का आरोप लगाया है। सूत्रों ने बताया कि एसीबी ने राउत को सोमवार को अपने ठाणे कार्यालय में बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है।
बता दें कि ये मामले तब उजागर होने जब सबसे  बड़े कारोबारी मुकेश अंबानी के घर पास एक कार में जिलेटिन की छड़े मिली और इसकी जांच एनआईए ने शुरू की तो महाराष्ट्र सरकार और प्रशासनिक अधिकरियों की पोल खुलती जा रही है।
क्रिकेट सट्टेबाज जालान ने ‘PPSS’ को लेकर किया बड़ा खुलासा, जाने क्या है ‘PPSS’

परमबीर सिंह (PARAMBIR SINGH) पर क्रिकेट सट्टेबाज ने लगाया बड़ा आरोप,कहा प्रदीप शर्मा (PRDIP SHARAMA) को एक गिरफ्तारी से बचने के लिए देने को कहा था 10 करोड़।

मुंबई। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह पर क्रिकेट सट्टेबाज सोनू जालान ने आरोप लगाया है कि परमबीर सिंह ने उसे एक गिरफ्तारी से बचाने के लिए पूर्व पुलिस निरीक्षक प्रदीप शर्मा को 10 करोड़ रुपये देने के लिए कहा था। यह बयान जालान ने अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के समक्ष दर्ज कराया है। हालांकि इस मामले में परमबीर सिंह और शर्मा दोनों की ही प्रतिक्रिया नहीं आई है।
महाराष्ट्र पुलिस की सीआईडी जालान द्वारा आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह, शर्मा और निरीक्षक राजकुमार एवं अन्य के खिलाफ लगाए गए वसूली के आरोपों की जांच कर रही है। अपने बयान में जालान ने सीआईडी अधिकारियों को बताया कि मई 2018 में सट्टेबाजी के एक मामले में ठाणे पुलिस की ‘रंगदारी निरोधी प्रकोष्ठ’ द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे ठाणे के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के पास ले जाया गया था।
जालान ने दावा किया कि सिंह ने उससे भारत में सक्रिय क्रिकेट सटोरियों की जानकारी मांगी और उसे परिवार के सदस्यों समेत एक ”बड़े मामले” में गिरफ्तार करने की धमकी दी। बयान में जालान ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उससे 10 करोड़ रुपये प्रदीप शर्मा को देने को कहा गया।इससे पहले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह, पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा और इंस्पेक्टर राजकुमार कोठमायर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में उगाही और भ्रष्टाचार के आरोप में शिकायत दर्ज कराई गई है। एक अधिकारी ने बताया कि विरार के बिल्डर मयूरेश राउत ने बुधवार को एसीबी के महानिदेशक के पास शिकायत दर्ज कराई थी।
 शिकायतकर्ता ने सिंह के ठाणे के पुलिस आयुक्त रहने के दौरान इन अधिकारियों पर उनसे पैसे, कार, संपत्ति और दस्तावेजों की उगाही करने का आरोप लगाया है। सूत्रों ने बताया कि एसीबी ने राउत को सोमवार को अपने ठाणे कार्यालय में बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है।
बता दें कि ये मामले तब उजागर होने जब सबसे  बड़े कारोबारी मुकेश अंबानी के घर पास एक कार में जिलेटिन की छड़े मिली और इसकी जांच एनआईए ने शुरू की तो महाराष्ट्र सरकार और प्रशासनिक अधिकरियों की पोल खुलती जा रही है।
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