दिल्ली पुलिस द्वारा देश में अवैध रूप रहने वाले बांग्लादेशी अप्रवासियों के खिलाफ़ अपना अभियान तेज़ किया है। पिछले सप्ताह दिल्ली पुलिस ने एक होटल में वीज़ा अवधि से अधिक समय तक रहने के आरोप में सात बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ़्तार किया है। फ़िलहाल उन्हें वापस भेजने की तैयारी शुरू की है।
पकडे गए बांग्लादेशी अप्रवासी पिछले साल के दिसंबर में पर्यटक वीजा पर भारत आए थे। बांग्लादेशीयों की पहचान मोहम्मद बेलाल (47), मोहम्मद यासीन (23), इमोन हुसैन (21), मोहम्मद गियास उद्दीन (28), मोहम्मद रूबेल हुसैन (28), नसरुद्दीन (27) और तनवीर हसन (30) के रूप में हुई है।
निर्वासन के लिए हिरासत में लिया गया है। दिल्ली पुलिस भारत में अवैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिकों की पहचान करने के लिए एक डेटाबेस तैयार कर रही है और उसका सत्यापन कर रही है। इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली पुलिस ने भारत में अवैध रूप से रह रहे पाँच बांग्लादेशी नागरिकों को निर्वासित किया था।
सात बांग्लादेशी नागरिक दिल्ली के पहाड़गंज इलाके के एक होटल में ठहरे हुए थे और किसी दूसरे देश भागने की योजना बना रहे थे। पुलिस के अनुसार,वे अपने वीजा की अवधि से अधिक समय तक वहा रहे थे। उनका वीजा दिसंबर 2024 और जनवरी की शुरुआत में समाप्त हो गया था। उन्हें पहले विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के समक्ष पेश किया गया और फिर एक हिरासत केंद्र में भेज दिया गया, जहाँ से उन्हें उनके देश भेज दिया जाएगा। पुलिस ने पकड़े गए सात बांग्लादेशी नागरिकों में से एक के पास से बरामद फर्जी भारतीय जन्म प्रमाण पत्र के संबंध में कमला मार्केट थाने में मामला दर्ज किया है। इस संबंध में पुलिस ने एमसीडी के एक अधिकारी और एक तहसीलदार से पूछताछ की।
पुलिस उपायुक्त एम हर्षवर्धन के अनुसार, इस सप्ताह सात बांग्लादेशी नागरिकों को निर्वासन के लिए भेजा गया, जिससे इस साल जिले द्वारा निर्वासित अवैध विदेशी नागरिकों की कुल संख्या 17 हो गई। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा तैयार किए डेटाबेस से ऐसे विदेशी नागरिकों को ट्रैक करने में मदद मिली है। डेटा विश्लेषण टीमों के अवैध विदेशियों को ट्रैक करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के प्रयासों को लक्षित करने में मदद कर रहा है। डेटा-आधारित दृष्टिकोण जमीन पर सत्यापन अभियान चलाने वाली विभिन्न टीमों के प्रयासों का पूरक है और इसने कई सफल ऑपरेशनों को जन्म दिया है।