कर्नाटक के धर्मस्थल में कथित सामूहिक दफ़न भूमी (मास बरीयल) मामले में चौंकाने वाला मोड़ आया है। SIT ने उस शिकायतकर्ता को ही गिरफ्तार कर लिया है, जिसने मंदिर प्रशासन पर महिलाओं के साथ बलात्कार और हत्या के बाद अवैध दफन के आरोप लगाए थे। रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तारी के वक्त शिकायतकर्ता नक़ाब पहनकर अपनी पहचान छिपा रहा था। उसे SIT ने 20 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद हिरासत में लिया। अब उसे बेल्थांगडी कोर्ट में पेश किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि कुछ लोगों ने उसे इस तरह के आरोप लगाने और जांच को एक खास दिशा देने के लिए उकसाया था। शिकायतकर्ता ने 11 जुलाई को दावा किया था कि उसने कई महिलाओं और लड़कियों के शवों को धर्मस्थल में दफनाया है, जिनके साथ बलात्कार और हत्या हुई थी। उसने कहा था कि शवों को उसकी मौजूदगी में बाहर निकाला जाए। इतना ही नहीं, उसने SIT को एक खोपड़ी भी सौंपी थी, जिसे उसने कथित तौर पर एक दफन स्थल से बरामद किया था।
शिकायत के बाद पुलिस ने 17 जगहों पर खुदाई कराई, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला। इसके बाद SIT ने गहराई से पूछताछ शुरू की और शिकायतकर्ता को गिरफ्तार किया। मेडिकल जांच के लिए उसे अस्पताल भी ले जाया गया। अधिकारियों ने इशारा किया है कि अब उसके लिए गवाह सुरक्षा अधिनियम के तहत दी गई सुरक्षा भी वापस ली जा सकती है।
इसी मामले से जुड़ी हलचल के बीच, उडुपी ज़िले की ब्रह्मावर पुलिस ने राष्ट्रीय हिंदू जागरण वेदिके के अध्यक्ष महेश शेट्टी थिमारोडी को भी गिरफ्तार किया। हालांकि यह गिरफ्तारी धर्मस्थल केस से नहीं, बल्कि भाजपा के वरिष्ठ नेता बी.एल. संतोष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर हुई है। थिमारोडी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। उनकी ज़मानत याचिका पर 24 अगस्त को सुनवाई होगी।
इस बीच, बेंगलुरु के यूट्यूबर समी़र एम.डी. के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि उन्होंने धर्मस्थला मंदिर के खिलाफ कई आपत्तिजनक वीडियो बनाए और उजिरे की 17 वर्षीय लड़की की कथित हत्या-बलात्कार को लेकर दावे किए।
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